धुआं-धुंआ हुआ ईरान का बंदरगाह, 25 की मौत, 800 घायल!

हाल के वर्षों में ईरान में ऊर्जा और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कई घातक घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें रिफाइनरी में आग, कोयला खदानों में गैस विस्फोट और आपातकालीन मरम्मत कार्यों में दुर्घटनाएं शामिल हैं।

धुआं-धुंआ हुआ ईरान का बंदरगाह, 25 की मौत, 800 घायल!

iran-port-explosion-25-dead-800-injured

ईरान के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र शाहिद राजाई बंदरगाह पर शनिवार सुबह एक भीषण विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया। दक्षिणी शहर बंदर अब्बास के नजदीक स्थित इस बंदरगाह पर हुए धमाके में कम से कम 25 लोगों की जान चली गई और 800 से अधिक लोग घायल हो गए। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसका असर 50 किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया। आस-पास की इमारतों की खिड़कियां और छतें उड़ गईं, सैकड़ों गाड़ियाँ मलबे में तब्दील हो गईं।

सरकारी मीडिया के अनुसार, इस हादसे के बाद भी छह लोग लापता बताए जा रहे हैं। शाहिद राजाई बंदरगाह, जो फारस की खाड़ी और होर्मोज जलडमरूमध्य के किनारे स्थित है, ईरान के कुल कंटेनर व्यापार का लगभग 80% संभालता है, जिससे इस दुर्घटना के आर्थिक प्रभाव भी गहरे होने की आशंका है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने भयावह दृश्यों का वर्णन करते हुए बताया कि “पूरा गोदाम धुएं, धूल और राख से भर गया। मुझे याद नहीं है कि मैं टेबल के नीचे गया या विस्फोट के कारण वहां फेंका गया।” हवाई फुटेज में कई स्थानों पर आग की लपटें उठती नजर आईं। ईरान के आंतरिक मंत्री ने बाद में पुष्टि की कि आग एक कंटेनर से दूसरे में फैलती जा रही थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

ईरान के संकट प्रबंधन संगठन के प्रवक्ता होसैन जफरी ने हादसे के लिए रसायनों के खराब भंडारण को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “विस्फोट का कारण कंटेनरों के अंदर मौजूद रसायन थे।” उन्होंने यह भी बताया कि पहले ही इस बंदरगाह को संभावित खतरे को लेकर चेतावनी दी गई थी। हालांकि, सरकार के एक प्रवक्ता ने सटीक कारण पर अभी भी जांच जारी रहने की बात कही है।

राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस त्रासदी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और आंतरिक मंत्री को स्वयं घटनास्थल पर निरीक्षण के लिए भेजा गया है। प्रशासन ने क्षेत्र के सभी स्कूलों और कार्यालयों को रविवार को बंद रखने का आदेश भी दिया है ताकि राहत और बचाव कार्य बिना बाधा के चल सकें।

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में ईरान में ऊर्जा और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कई घातक घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें रिफाइनरी में आग, कोयला खदानों में गैस विस्फोट और आपातकालीन मरम्मत कार्यों में दुर्घटनाएं शामिल हैं। इनमें से कई मामलों में लापरवाही को दोषी ठहराया गया है, जबकि कुछ अवसरों पर तेहरान ने सीधे तौर पर अपने कट्टर दुश्मन इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया है, जैसा कि फरवरी 2024 में गैस पाइपलाइनों पर हुए हमले के मामले में हुआ था।

शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुआ यह विस्फोट एक बार फिर ईरान की औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है, और आने वाले दिनों में इस घटना के राजनीतिक और आर्थिक असर भी दूरगामी हो सकते हैं

यह भी पढ़ें:

भारतीय नौसेना ने की एंटी-शिप फायरिंग, कहा किसी भी मुकाबले के लिए तैयार​!

चारधाम यात्रा से पहले ‘मुख्य सेवक भंडारा’ के सेवादारों की टीम को किया रवाना!

पहलगाम आतंकी हमला: दुखी अर्जुन बिजलानी ने लिया महत्वपूर्ण फैसला!

Exit mobile version