पुंछ में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास बसे मंदिरों में नवरात्रि का उत्साह दिखा। सबसे ज्यादा भीड़ शहर के बीचों-बीच स्थित प्राचीन कालिका माता मंदिर में तड़के से ही बड़ी संख्या में महिलाएं और भक्त मां कालिका के दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त माता के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
एक श्रद्धालु ने कहा, “मां के दर्शन से मन को शांति मिलती है। हर साल हम नवरात्रि पर यहां आते हैं।” मंदिर में सुबह से ही जयकारों की गूंज रही। इस बीच, भीड़ को देखते हुए व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं।
कठुआ के प्रसिद्ध महाकाली मंदिर, जसरोटा में भी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह से ही श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचने लगे, जिससे मंदिर परिसर भक्ति में डूब गया। मंदिर को फूलों और रोशनी से खूबसूरती से सजाया गया है। भक्तों की सुविधा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
महाकाली मंदिर के पुजारी अरुण गोपाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “सभी भक्तों को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं। मां सबकी मनोकामनाएं पूरी करें।” उन्होंने बताया कि पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है और भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ माता का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं।
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन भक्तों के लिए खास होते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। पुंछ और कठुआ में श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में हवन और पूजन में जुटे हैं। मंदिरों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, ताकि भक्त बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें। भक्ति का माहौल है और लोग मां से सुख-शांति की कामना कर रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए हैं।
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