जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सुरक्षाबलों को तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है। यह बरामदगी भद्रवाह तहसील के भलरा इलाके में तलाशी के दौरान की गई। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान एके-सीरीज के 25 कारतूस, एक पिस्तौल, तीन पिस्तौल मैगजीन और पिस्तौल के छह कारतूस बरामद किए गए हैं। इस जब्ती से स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में उपद्रवी तत्व सक्रिय हो सकते हैं।
यह तलाशी अभियान खुफिया सूचनाओं के आधार पर चलाया गया था। सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि कुछ तत्व इस इलाके में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हथियारों की बरामदगी से यह आशंका और मजबूत हुई है। फिलहाल, इन हथियारों को जमा करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है।
बीते छह महीनों में आतंकवादियों ने जम्मू संभाग के डोडा, किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ, रामबन और कठुआ जिलों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इन जिलों के घने जंगलों को आतंकवादी छिपने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यह माना जा रहा है कि इनमें से अधिकांश विदेशी भाड़े के लड़ाके हैं, जो हमले के बाद घने जंगलों में शरण ले लेते हैं।
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आतंकवादियों की इस रणनीति को नाकाम करने के लिए सेना और सुरक्षाबलों ने भी अपने अभियान में बदलाव किया है। अब केवल घेराबंदी और तलाशी अभियान पर निर्भर रहने के बजाय जंगली इलाकों में भी जवानों की तैनाती की गई है।जंगल युद्ध में प्रशिक्षित 4,000 से अधिक विशेष कमांडो पुंछ, राजौरी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ और रामबन जिलों के वन क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं। सुरक्षाबलों की इस नई रणनीति के कारण इन जिलों में आतंकवादी हमलों में कमी आई है।