घर में बाघ के बंद होने की खबर सुनकर हजारों लोग गांव में इकट्ठा हो गए हैं। हालांकि, इस घर की 200 मीटर की परिधि में रांची सदर एसडीओ के आदेश से सुबह 11 बजे से निषेधाज्ञा लागू की गई है। जिस घर में बाघ बंद है, वह पूरन चंद महतो नामक व्यक्ति का है।
बताया गया कि रांची के मुरी स्थित हिंडालको के कारखाने में नाइट शिफ्ट का काम करने वाले पूरन चंद अहले सुबह घर पहुंचने के बाद बकरी को बाहर निकाल रहे थे, तभी बाघ घर के अंदर दाखिल हो गया।
इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घर के बाहर मौजूद लोगों को दूर हटाया। वन विभाग ने ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान की रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया था, लेकिन यह टीम बाघ को अपने कब्जे में लेने में विफल रही।
इसके बाद वन विभाग के आला अधिकारियों ने पलामू के बेतला अभयारण्य से टीम को बुलाया है। कई अधिकारी मारदू गांव पहुंच गए हैं। बताया गया है कि विशेषज्ञों की टीम बाघ को ट्रैंक्युलाइजर के जरिए बेहोश करेगी। मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। शाम साढ़े चार बजे तक बाघ का रेस्क्यू नहीं किया जा सका है।
बताया गया कि बाघ की लंबाई 6 से 7 फीट है। इस आधार पर इसके रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रांची का यह इलाका पश्चिम बंगाल से सटा है।
