कर्नाटक में बुर्का विवाद की सुनवाई कर रही हाई कोर्ट ने अब इस मामले को बड़ी बेंच को रेफर किया है। इस मामले में मंगलवार को भी सुनवाई हुई थी। लेकिन कोर्ट ने बुधवार को इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने का फैसला किया। दोनों पक्षों ने इस फैसले पर अपनी सहमति जताई ,लेकिन ,उनका कहना है कि इसे जल्द से निपटाया जाय। छात्राओं के वकील ने फैसले होने तक बुरका पहनने की अंतरिम राहत मांगी तो सरकारी वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि अस्थायी तौर पर छात्रों को हिजाब में नहीं रहने दे सकते। एडवोकेट जनरल ने अंतरिम राहत देने का विरोध किया है जो छात्रों को हिजाब पहनकर कॉलेजों में जाने की अनुमति देगा।
कर्नाटक हाई कोर्ट में अपने आदेश में कहा कि, केवल पर्सनल लॉ पर ही विचार नहीं किया जा सकता बल्कि इस मामले में संवैधानिक पहलुओं पर भी विचार किया जाना जरुरी है, इसलिए इस मामले को बड़ी बेंच को भेजा जा रहा है।
इस बीच, तनाव वाले हिस्सों में शांति रही। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि स्कूल कॉलेज के 200 मीटर के दायरे कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकता। अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर करवाई की जाएगी। साथ ही राज्य सरकार ने विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए राज्य में धारा 144 लागू कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार यह फैसला अगले सप्ताह तक लागू रहेगा।
बता दें कि, सरकारी वकील ने कहा कि छात्राओं द्वारा दायर की गई याचिकाएं गलत है। उन्होंने कहा कि इस याचिका में सरकार के सरकारी आदेश पर सवाल उठाया है। राज्य की सभी संस्थाओं को स्वायत्तता प्राप्त है, राज्य सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेता है,इसलिए यह कोई मामला ही नहीं बनता है।
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