मुंबई। ‘कारूलकर’ प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रशांत कारुलकर व उनकी धर्म पत्नी प्रतिष्ठान की उपाध्यक्ष शीतल जोशी-कारुलकर को वर्ल्ड कम्युनिकेशन फोरम असोसिएशन का (डब्ल्यूसीएफए) कॉर्पोरेट सदस्यता प्रदान की गई है। यह सम्मान प्राप्त करने वाले विश्व स्तर पर पहले दंपति और वह भी भारतीय हैं। दावोस, स्विट्जरलैंड स्थित हर साल होने वाली इस संस्था के परिषद में उपस्थित रहने का मौका कारुलकर दंपति को मिलेगा ।
भारत की शोभा बढ़ाएंगे प्रशांत कारुलकर
विज्ञापन, डिजिटल मार्केटिंग, मीडिया, पीआर सहित संचार जगत के विविध क्षेत्रों के नामचीन इस परिषद में उपस्थित रहेंगे । यह परिषद दावोस के वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम 26 जनवरी के आसपास हर साल जिस सभागृह में जमावड़ा होता है। वहां पर मात्र निमंत्रित सदस्यों को ही सदस्यता दी जाती है, औऱ वह इस विश्व स्तरीय परिषद में उपस्थित रहते हैं। एमोटिकॉन्स के निर्माता प्रो. डॉ. स्कॉट फ़ालमन, केचम विश्व की बड़ी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के विश्व अध्यक्ष जानी कॅटलफॅमो, संपर्क क्षेत्र के स्वतंत्र सलाहकार कंपनी हिल प्लस नॉल्टन के विश्व अध्यक्ष मॅक्झिम बेहर, दक्षिण अफ्रिका रिपब्लिक के जनसंपर्क मंत्री फेथ मुथांबी, आयसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे व संयुक्त अरब अमिरात के सांस्कृतिक, जनसंपर्क सहित शिक्षण मंत्री नूरा बिन्त अल काबी आदि मान्यवर इस वार्षिक परिषद में उपस्थित रहकर सम्मेलन की शोभा बढ़ाएंगे।
विश्व स्तर पर ‘न्यूज डंका’ की गूंज
प्रशांत कारुलकर को यह नई जिम्मेदारी के माध्यम से वर्ल्ड कम्युनिकेशन फोरम असोसिएशन के कार्य को पहले भारत में इसके बाद विश्व स्तर पर नई दिशा मिलेगी। इस मंच के माध्यम से नय-नए लोगों को अवसर मिलेगा। साथ ही नए व्यापार समझौते में प्रशांतजी सहयोग करेंगे। इसके अलावा शीतल कारुलकर इस मंच के माध्यम से संपर्क उद्योगों में महिलाओं की मौजूदगी को बढ़ाएंगी। साथ ही ‘न्यूज डंका’ जैसे महत्त्वाकांक्षी प्रकल्प का प्रतिनिधित्व भी इस दांपत्य की वजह से विश्व स्तर पर होगा। प्रशांत व शीतल कारुलकर ने इस संस्था की सदस्यता का प्रमाणपत्र डब्ल्यूसीएफए के कार्यकारिणी के नियंत्रक योगेश जोशी की ओऱ से मिलने पर उनका दिल से आभार माना है।