काशी विश्वनाथ: 120 किलो सोना दान, 17 दशक बाद मंदिर में सोने का पत्तर

गर्भगृह और मंदिर के बाहर सोने के पत्तर लगाए चुके हैं। इससे पहले राजा रणजीत सिंह ने 1853 में बाबा के शिखर को सोने से मंडित कराया था।

काशी विश्वनाथ: 120 किलो सोना दान, 17 दशक बाद मंदिर में सोने का पत्तर
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के लिए दक्षिण भारतीय दानदाता ने 120 किलो सोना दान दिया है। महादेव के गर्भगृह में लगभग 17 दशक बाद सोने का पत्तर लगाया जा रहा है। गर्भगृह और मंदिर के बाहर सोने के पत्तर लगाए चुके हैं। इससे पहले राजा रणजीत सिंह ने 1853 में बाबा के शिखर को सोने से मंडित कराया था।

बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन मंगलवार की भोर महाशिवरात्रि पर मंगला आरती के बाद 3:30 बजे से शुरू हो जाएगा। इससे पहले रात्रि 2:15 से 3:15 बजे तक बाबा की मंगला आरती होगी। मंगलवार की रात बाबा विश्वनाथ की चारों पहर की आरती होगी। चारों पहर की आरती के दौरान ही बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की विवाह की रस्में संपन्न होंगी।

मंगलवार, 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। इस अवसर पर महाशिवरात्रि में पहली बार श्रद्धालु गंगा में स्नान कर जलासेन घाट से सीधे बाबा विश्वनाथ के दरबार में प्रवेश कर सकेंगे। इस प्रवेश द्वार को गेटवे ऑफ कॉरिडोर का नाम दिया गया है।

मंदिर प्रशासन ने बताया कि दक्षिण भारतीय दान दाता की ओर से स्वर्ण पत्तर लगाने का काम किया जा रहा है। हालांकि नाम अभी तक गुप्त ही रखा गया है। गौरतलब है कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का ​​लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। धाम के लोकार्पण के बाद यहां दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।

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