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Friday, December 5, 2025
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ईरान में इजरायली हवाई हमले से कश्मीरी छात्र घायल

परिजनों में दहशत, हुर्रियत नेताओं ने की भारत सरकार से मदद की अपील

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ईरान में जारी संघर्ष के बीच कश्मीरी छात्रों से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बताया गया है कि ईरान में एक हॉस्टल, जहां कश्मीर के छात्र रह रहे थे, इजरायली एयरस्ट्राइक की चपेट में आ गया। इस हमले में कई छात्र घायल हुए हैं, हालांकि राहत की बात ये है कि सभी को मामूली चोटें आईं हैं।

इस खबर के बाद जम्मू-कश्मीर के परिजनों में गहरी चिंता का माहौल है। ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर हालात भयावह हो चुके हैं और भारत सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।

मीरवाइज ने एक्स पर पोस्ट किया,”ईरान से बेहद चिंताजनक खबर आ रही है। कश्मीरी छात्रों के हॉस्टल को इजरायली हमले में निशाना बनाया गया है। शुक्र है कि छात्र गंभीर रूप से घायल नहीं हुए, लेकिन 1300 से अधिक छात्र इस वक्त जान के खतरे में हैं। उनके परिवारों की पीड़ा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह इन छात्रों की सुरक्षा और जल्द से जल्द वापसी के लिए जरूरी कदम उठाए। उन्होंने आगे लिखा, “हम दुआ करते हैं कि अल्लाह इन सभी छात्रों की हिफाजत करे और उनके परिवारों को राहत दे।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मसले पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से संपर्क साधा। उमर ने बताया, “मैंने अभी-अभी डॉ. जयशंकर से ईरान में मौजूद कश्मीरी छात्रों की स्थिति को लेकर बातचीत की है। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि विदेश मंत्रालय ईरान की सरकार के संपर्क में है और भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।”

जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों छात्र ईरान की प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ जैसे कि Shahid Beheshti University और Iran University of Medical Sciences में पढ़ाई कर रहे हैं। जैसे-जैसे ईरान-इजरायल संघर्ष तेज हो रहा है, भारतीय छात्रों, खासकर कश्मीर से गए छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं और गहरी होती जा रही हैं।

छात्रों के परिजनों और कश्मीर के नेताओं ने भारत सरकार से जल्द से जल्द ईरान में मौजूद छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें स्वदेश लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने की मांग की है। बढ़ते तनाव और इजरायली हवाई हमलों को देखते हुए यह मांग और भी जरूरी हो गई है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालातों ने कश्मीरी छात्रों के जीवन को संकट में डाल दिया है, जो शिक्षा के लिए ईरान गए थे। भारत सरकार के अगले कदम अब इन सैकड़ों छात्रों और उनके परिजनों की उम्मीदों का केंद्र बन चुके हैं।

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