लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा की। किसानों और अधिकारियों के बीच छह दौर के वार्ता के बाद हुए समझौता में मरने वाले किसानों को 45 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। जबकि घायलों को दस लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा इस मामले की न्यायिक जांच भी होगी।जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शामिल होंगे।बता दें कि रविवार से इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने राजनीति शुरू कर दी।
लखनऊ में लखीमपुर जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं प्रियंका खीमपुर जाते समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया है। सरकार की ओर से एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा किसानों की ओर से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच वार्ता में बनी सहमति।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बीमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी।
प्रशांत कुमार ने कहा कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है। वहीं, गृह मंत्रालय ने लखीमपुर खीरी में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 6 अक्टूबर तक सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की चार कंपनियां लखीमपुर खीरी में तैनात रहेंगी। इनमें से दो रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां होंगी और बाकी दो सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी की।
गृह मंत्रालय ने यह आदेश रविवार को जारी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार भारी हिंसा को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से निवेदन किया था। बताया जा रहा है कि माहौल को देखते हुए और कंपनियां बढ़ाई जा सकती हैं।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बीमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी।
प्रशांत कुमार ने कहा कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है। वहीं, गृह मंत्रालय ने लखीमपुर खीरी में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 6 अक्टूबर तक सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की चार कंपनियां लखीमपुर खीरी में तैनात रहेंगी। इनमें से दो रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां होंगी और बाकी दो सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी की।
गृह मंत्रालय ने यह आदेश रविवार को जारी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार भारी हिंसा को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से निवेदन किया था। बताया जा रहा है कि माहौल को देखते हुए और कंपनियां बढ़ाई जा सकती हैं।