आजादी के दौरान जहल पार्टी के नेता रहे लोकमान्य तिलक ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना। उन्होंने अपना तन, मन और बुद्धि देश की सेवा में लगा दी। इसके चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ.मोहन भागवत ने रविवार को सांगली में प्रदर्शन किया|
सांगली में लोकमान्य तिलक स्मृति मंदिर के शताब्दी वर्ष का उद्घाटन डाॅ. यह आज भागवत ने किया| इस समय वह बात कर रहे थे| इस मौके पर विधायक सुधीर गाडगिल, संस्था की अध्यक्ष मनीषा काले, माधव बापट, प्रकाश बिरजे, माणिक जाधव, अमृता गोरे, विनायक काले, श्रीहरि दाते, प्रकाश आप्टे मंच पर थे| प्रारंभ में लोकमान्य तिलक का अभिनंदन किया गया तथा संस्था के स्मृति चिन्ह का अनावरण किया गया।
डॉ.भागवत ने कहा, किसी भी व्यक्ति को जो महत्व मिलता है वह उसके पद के कारण होता है| संघ स्वयंसेवक के सरल व्यवहार से कई लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। लेकिन यह टीम के काम करने के तरीके से सिखाया जाता है। वर्तमान समय में शाखाओं, प्रशिक्षण वर्गों से स्वयंसेवकों का निर्माण होता है। लेकिन कौन सा डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना कहां से की? ये सवाल मन में आता है|
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