बरेली। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में कई हजार लोगों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। जिनमें किसी को हार मिली तो किसी को जीत। वहीं, एक प्रत्याशी ने चुनाव में मिली हार से नाराज होकर धर्म परिवर्तन का ऐलान कर दिया है।हारे प्रत्याशी का कहना है कि, चुनाव से पहले बिरादरी के लोग चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन जब चुनाव लड़ा तो केवल 43 वोट मिले। इतना ही नहीं हार जाने की वजह से बिरादरी के लोग उनकी उपेक्षा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने निर्णय किया है कि धर्म परिवर्तन करेंगे। इस ऐलान के बाद भाजपा नेताओं उनसे मिले और समझाया।
ठिरिया बन्नोजान गांव के सुरेश गंगवार इस बार प्रधानी चुनाव लड़े तो मात्र 43 वोट मिले। उनका कहना है कि बिरादरी के लोगों ने उन्हें जिताने का भरोसा देकर चुनाव लड़ने को कहा था। लेकिन, चुनाव में वोट नहीं दिए। इसके चलते उनकी बुरी तरह से हार हुई। इतना ही नहीं बिरादरी के लोग उपेक्षा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पहले 2010 में गांव से प्रधानी का चुनाव लड़े थे। तब वह 626 मत पाकर 225 वोटों से चुनाव हार गए थे। चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2015 में परिवार और बिरादरी के लोगों के कहने पर वह चुनाव नहीं लड़े थे।
अब अपनी बिरादरी के लोगों की सहमति के बाद वह प्रधानी का चुनाव लड़े थे। लेकिन उनके परिवार और बिरादरी के लोगों ने उनका साथ नहीं दिया। जिसके चलते उन्हें मात्र 43 मत ही मिले। उनका आरोप है कि उनके परिवार और बिरादरी के लोगों ने जानबूझकर चुनाव हराया, इतना ही काफी नहीं था अब उनका उपहास उड़ाते हैं और उपेक्षापूर्ण व्यवहार करते हैं। बिरादरी के लोगों ने बोलना तक छोड़ दिया है। सुरेश गंगवार का कहना है कि इन्हीं सब बातों से परेशान होकर उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ धर्म परिवर्तन करने का ऐलान किया है।
ग्रामीण के धर्म परिवर्तन किए जाने की सूचना मिलने के बाद मंगलवार को भाजपा नेता भुजेन्द्र गंगवार, राकेश गंगवार, श्याम रस्तोगी, ग्राम प्रधान लालाराम कश्यप, लोकमान आदि ने उनके घर पहुंच कर काफी देर तक उन्हें मनाया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने उनकी केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार व भाजपा जिलाध्यक्ष पवन शर्मा से उनकी फोन पर बात कराई। भाजपा नेता भुजेन्द्र गंगवार, राकेश गंगवार ने बताया कि सुरेश गंगवार पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं।
पार्टी के लोगों के साथ गांव पहुंच कर उन्हें समझा बुझाकर सारे गिले शिकवे दूर करा दिए गए है। केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार और पार्टी के जिलाध्यक्ष पवन शर्मा से भी उनकी फोन पर बात करायी थी। उन्होंने भी समझाया है। अब सुरेश गंगवार ने अपना फैसला बदल दिया है। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए हो रही बैठकों पंचायत चुनाव का भी मुद्दा उठा जिसमें हार जाने पर कई प्रत्याशी नाराज हैं। इन्ही मुद्दों को लेकर फ़िलहाल भाजपा गांवों पर फोकस की हुई है।