सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इंसान और चीतों का अनोखा रिश्ता साफ नजर आ रहा है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि चीता मित्र सत्तू गुर्जर हाथ में परात और एक पानी की केन लेकर आता है। वह केन से परात में पानी भरता है और शिकार के बाद पेड़ के नीचे बैठकर अपने शवकों के साथ आराम कर रही ज्वाला को आवाज देता है।
दरअसल, डेढ़ महीने पहले खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक पहली बार पार्क की सीमा से बाहर आए हैं। उन्हें वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर के पास देखा गया। वे निर्माणाधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज रेल ट्रैक से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर थे।
बताया जा रहा है कि मॉनिटरिंग टीम के साथ चीतों की सुरक्षा में लगे चीता मित्र अब चीतों को पहचानने लगे हैं। साथ ही चीते भी उनकी COME और GO जैसी कमांड समझने लगे हैं। इसी कारण चीता मित्र सत्तू गुर्जर ने परात में पानी रखकर COME की अवाज लगाई तो ज्वाला अपने शावकों के साथ वहां पहुंच गई।
दरसअल, वर्तमान में कूनो के खुले जंगल में 17 चीते विचरण कर रहे हैं। ये चीते लगातार अपना क्षेत्र बढ़ा रहे हैं और शिकार भी कर रहे हैं। बीतें कुछ दिनों में चीतों की गतिविधियों के कई वीडियो सामने आए हैं। इनमें चीते कभी हिरणों के झुंड का शिकार करते दिखे तो कभी बकरियों पर हमला करते नजर आए थे।
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