छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती​ हर्षोंल्लास​ और धूमधाम से संपन्न !

शिवाजी महाराज का जन्म पुणे जिले के जुन्नार शहर के पास स्थित शिवनेरी किले में जिजाऊ और शाहजी राजाओं के परिवार में हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोसले था। शिव राय का जन्म उस समय हुआ था जब मुगल पूरे देश पर शासन कर रहे थे और मराठा साम्राज्य का विस्तार कर रहे थे।

छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती​ हर्षोंल्लास​ और धूमधाम से संपन्न !

394th birth anniversary of Chhatrapati Shivaji Maharaj celebrated with joy and pomp!

हिंदू स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था। शिवाजी महाराज का जन्म पुणे जिले के जुन्नार शहर के पास स्थित शिवनेरी किले में जिजाऊ और शाहजी राजाओं के परिवार में हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोसले था। शिव राय का जन्म उस समय हुआ था जब मुगल पूरे देश पर शासन कर रहे थे और मराठा साम्राज्य का विस्तार कर रहे थे।

​महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती तिथि और समय के अनुसार मनाई जाती है। तिथि के अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी को है| इस दिन देशभर के शिव प्रेमियों में भारी उत्साह रहता है।

​छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती: इस साल 2024 में छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती मनाई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा 19 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती महाराष्ट्र में एक उत्सव की तरह मनाई जाती है। इस दिन कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और जुलूस का आयोजन किया जाता है। ​

​शिव जयंती का इतिहास: वैभव, वीरता, दया और उदारता के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 1870 से मनाई जाने लगी। महात्मा ज्योतिराव फुले ने सबसे पहले इस दिन को पुणे में शिव जयंती के रूप में मनाया था। उन्होंने पुणे से 100 किमी दूर रायगढ़ में अपने प्रिय राजा की कब्र की खोज की। बाद में लोकमान्य तिलक ने शिव जयंती मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाया। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसिद्धि और वीरता देश के युवाओं और लोगों को हमेशा प्रेरित करती रहे इसलिए हर साल शिव जयंती मनाई जाती है। लेकिन, अब शिव जयंती देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाई जाती है​|

​शिवाजी महाराज का पहला युद्ध: शिवाजी महाराज ने हिंदू साम्राज्य के लिए अपना पहला युद्ध मात्र 15 वर्ष की उम्र में ​लड़े​ थे। हिन्दू संकट के समय महाराजा ने अपनी वीरता का परिचय दिया। शिवाजी महाराज ने बीजापुर पर आक्रमण किया। उन्होंने युद्ध में कुशल रणनीति और छापामार ​युद्ध से बीजापुर के आदिल शाह को मार डाला।

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