30 नवंबर, रविवार की शाम गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर बना केबल पुल अचानक टूट गया। ब्रिज के टूटने से इस पर खड़े सैंकड़ों लोग नदी में जा गिरे। घटना में अब तक 60 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। साथ ही सैकड़ों लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक बताई जा रही है। जिसमें 25 बच्चे शामिल हैं। फिलहाल घायलों को रेस्क्यू कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, लेकिन अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस और प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ की तीन टीमें भी जल्द मौके पर पहुंच गई हैं। वहीं, सरकार ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
कहा जा रहा है कि जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त ब्रिज पर लगभग 400 से 450 लोग मौजूद थे। वहीं वर्तमान में बचाव अभियान जारी है और कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। डॉक्टरों और अन्य राहत सामग्री के साथ सेना की एक और टीम शीघ्र ही घटनास्थल पर पहुंच गई। वहीं, एनडीआरएफ टीम के साथ वायुसेना का विमान राहत कार्यों के लिए रवाना हो गया है। जबकि जामनगर और आसपास के अन्य स्थानों में बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया था। भुज और अन्य स्थानों से मोरबी के लिए गरुड़ कमांडो भेजे गए। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के 50 जवान भी मोरबी भेजे गए हैं।
वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मोरबी पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचकर उन्होंने बचाव कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवार के लिए 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में बात की है। उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने, स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनकी संवेदनाएं एवं प्रार्थनाएं गुजरात के मोरबी में पुल हादसे में प्रभावित लोगों के साथ हैं। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि राहत और बचाव के प्रयासों से पीड़ितों को राहत मिलेगी।
बता दे कि करीब 43 साल पहले 11 अगस्त, 1979 को गुजरात में मच्छु बांध टूटने से एक बड़ा हादसा हुआ था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हादसे में एक हजार लोग मारे गए थे। वहीं, गैर आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, यह बांध 25 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगियां खत्म कर दिया था। गौरतलब है कि मोरबी का यह केबल पुल करीब 100 साल पुराना बताया जा रहा है और कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। मरम्मत के बाद 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।
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