22 C
Mumbai
Thursday, December 25, 2025
होमदेश दुनियामेक्सिको के 50% तक आयात शुल्क बढ़ाने पर भारत की कड़ी आपत्ति,...

मेक्सिको के 50% तक आयात शुल्क बढ़ाने पर भारत की कड़ी आपत्ति, उठेंगे ‘उचित कदम’

Google News Follow

Related

भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से बाहर के देशों से आने वाले उत्पादों पर मेक्सिको द्वारा आयात शुल्क में अचानक बढ़ोतरी के फैसले पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है, हालांकि इस मुद्दे का समाधान कूटनीतिक बातचीत के ज़रिये निकालने की कोशिशें भी जारी रहेंगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मेक्सिको का यह एकतरफा फैसला भारत और मेक्सिको के बीच सहयोगात्मक आर्थिक संबंधों की भावना तथा बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में पारदर्शिता के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। इस फैसले के तहत कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जबकि अधिकांश वस्तुओं पर औसतन 35 प्रतिशत शुल्क लगने की आशंका है।

एक सूत्र ने कहा, “हालांकि हम समझते हैं कि मैक्सिकन सरकार के इस कदम के पीछे की प्रेरणा भारत से असंबंधित है, भारत का मानना है कि बिना पूर्व परामर्श के एमएफएन शुल्क में एकतरफा बढ़ोतरी, हमारे सहयोगात्मक आर्थिक जुड़ाव की भावना के अनुरूप नहीं है।”

यह शुल्क संशोधन कुल 1,463 उत्पाद श्रेणियों को प्रभावित करेगा और इसका असर भारत के साथ-साथ चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे कई एशियाई देशों पर पड़ेगा। शुल्क की सीमा 5 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक रखी गई है, हालांकि प्रभावित अधिकांश वस्तुएं 35 प्रतिशत के दायरे में आएंगी।

मेक्सिको के अर्थ मंत्रालय ने 3 दिसंबर 2025 को इस प्रस्ताव को अप्रत्याशित रूप से दोबारा पेश किया, जिससे विधायी प्रक्रिया तेज हो गई। इससे पहले, प्रभावित व्यापारिक साझेदारों और मेक्सिकन उद्योग समूहों की आपत्तियों के बाद इसे अगस्त 2026 तक टाल दिया गया था। मेक्सिको सरकार ने स्थानीय उत्पादन को समर्थन देने और व्यापार असंतुलन कम करने को इसका मुख्य कारण बताया है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) की समीक्षा वार्ताओं और चीन के खिलाफ शुल्क नीतियों को सख्त करने के लिए अमेरिका के दबाव से भी जुड़ा हो सकता है।

भारत की प्रतिक्रिया तेज़ रही है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मेक्सिको के उप-अर्थ मंत्री लुइस रोसेंडो के साथ उच्चस्तरीय चर्चा की है और आने वाले दिनों में तकनीकी स्तर की बैठकों की संभावना है। भारत ने 30 सितंबर 2025 को ही मैक्सिको स्थित अपने दूतावास के माध्यम से चिंता जताते हुए भारतीय निर्यात को बचाने के लिए विशेष रियायतों की मांग की थी।

वाणिज्य विभाग इस शुल्क बढ़ोतरी के विस्तृत प्रभावों की जांच कर रहा है और वैश्विक व्यापार नियमों के दायरे में पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान तलाशने के लिए मैक्सिकन अधिकारियों से संवाद कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय निर्यात पर वास्तविक असर इस बात पर निर्भर करेगा कि भारतीय उत्पाद मैक्सिको की आपूर्ति शृंखला में कितने महत्वपूर्ण हैं और क्या कंपनियां छूट हासिल कर पाती हैं या शुल्क का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल पाती हैं। प्रभावित वस्तुओं की अंतिम सूची अभी आधिकारिक रूप से अधिसूचित नहीं की गई है।

एक अन्य बयान में कहा गया, “भारत अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है, साथ ही रचनात्मक संवाद के माध्यम से समाधान की कोशिश जारी रखेगा।”

विवाद के बावजूद भारत ने दोहराया कि वह मेक्सिको के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देता है और दोनों देशों के व्यवसायों व उपभोक्ताओं के लिए स्थिर व संतुलित व्यापार वातावरण बनाने के लिए सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह भी पढ़ें:

सूडान में संयुक्त राष्ट्र परिसर पर ड्रोन हमला, छह शांति सैनिकों की मौत!

भाजपा ने नई दिल्ली में मणिपुर के विधायकों के साथ बुलाई अहम बैठक!

 

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,579फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें