नई दिल्ली। मुंबई ड्रग्स मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में दायर एक याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच सीबीआई करे और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इस याचिका में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के हस्तक्षेप पर सवाल उठाया गया है। इधर, इस मामले बीजेपी नेता मोहित कम्बोज ने भी नवाब मलिक पर 100 करोड़ का मानहानि का दावा किया है। बता दें कि इस मामले शाहरुख़ खान का बेटा आर्यन खान सहित कई लोग आरोपी हैं। 27 दिन बाद आर्यन को जेल से शनिवार को रिहा किया गया। इस केस अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जनहित याचिका (पीआईएल) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विधि आयोग की विभिन्न रिपोर्टों में अनुशंसित राष्ट्रीय गवाह सुरक्षा योजना तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की है। वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की ओर से एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया गया है। वकील शर्मा ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में सीबीआई जांच की मांग के अलावा तत्काल मामले में ‘सभी गवाहों को सुरक्षा’ मुहैया कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि क्या कोई मंत्री जांच में हस्तक्षेप करने और जांच अधिकारी को ‘बदनाम’ करने के बाद भी अपने संवैधानिक पद पर बना रह सकता है।
याचिका में कहा गया है कि किसी भी को आपराधिक न्याय प्रणाली में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। राज्य और राज्य मंत्री संविधान की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं और जांच में आपराधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। जनहित याचिका में कहा गया है, ‘गवाहों की सुरक्षा की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और आरोपियों के पक्ष में अनुकूल बयान देने के लिए उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए…” एनसीबी ने 2 अक्टूबर को समुद्र के बीच में गोवा जाने वाले कॉर्डेलिया क्रूज पर एक कथित ड्रग पार्टी का भंडाफोड़ किया था और इस मामले में दो नाइजीरियाई नागरिकों सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि, वहीं, इस केस में एनसीबी जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े का परिवार केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से मिला। इस दौरान आठवले ने नवाब मलिक से इस मामले को बंद करने की बात कही।