मंगलौर यूनिवर्सिटी में एक बार फिर हिजाब विवाद फन उठाने लगा है। यहां शनिवार को 12 छात्राएं एक बार फिर हिजाब पहनकर मंगलौर यूनिवर्सिटी के परिसर में आई। लेकिन, उन्हें क्लासरूम में नहीं जाने दिया गया। बता दें कुछ दिन पहले ही कुछ छात्रों आरोप लगाया था कि यूनिवर्सिटी में 44 छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही है जो हाई कोर्ट का उल्लंघन है। जिसके बाद मंगलौर यूनिवर्सिटी प्रशासन कड़ा रुख अख्तियार किया था।
मंगलौर यूनिवर्सिटी में शनिवार को एक बार फिर कोर्ट के आदेश को धता बताते हुए 12 छात्राओं ने हिजाब पहनकर आई। जिसके बाद इन छात्राओं को क्लासरूम में जाने से मना कर दिया गया। इतना ही नहीं,इन छात्राओं से कहा गया कि वह कैम्पस में हिजाब पहन कर रह सकती हैं लेकिन, क्लासरूम में नहीं। लेकिन छात्राओं ने अपना हिजाब उतारने से इंकार कर दिया। तो मंगलौर यूनिवर्सिटी प्रशासन भी उन्हें अंदर जाने नहीं दिया।
इसके बाद ये छात्राएं यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जाना चाहा, जहां एक फिर उन्हें हिजाब उतारने को कहा गया। लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना। जिसके बाद वे घर लौट गई। मंगलौर यूनिवर्सिटी की कुलपति ड़ॉ. सुब्रमण्य यदापदिथया ने का कहना है कि पिछले दिनों कॉलेज विकास समिति की बैठक में यह तय किया गया था कि किसी को भी धर्म से जुड़े कपडे पहनकर यूनिवर्सिटी में नहीं आने दिया जाएगा। हालांकि कोई परिसर में यह पहन सकता है लेकिन क्लास रूम नहीं।
बता दें कि पिछले दिनों कुछ छात्रों के हिजाब पहनकर आने परब कुछ छात्राओं ने विरोध दर्ज कराया था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हिजाब पहनकर आने वाली छात्रों रोक दिया गया था। इस संबंध में प्रशासन ने एक नोटिस भी जारी किया था जिसमें हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी।
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