म्यांमार की सैन्य सरकार ने थाईलैंड सीमा से सटे कुख्यात म्यावाडी क्षेत्र में संचालित ऑनलाइन स्कैम सेंटरों, अवैध कैसीनो और साइबर अपराध हब पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कई वर्षों से केके पार्क और श्वे कोको जैसे कम्पाउंड दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का केंद्र माने जाते रहे हैं, जहाँ हजारों विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से लाकर ऑनलाइन ठगी के काम में लगाया जाता था।
बीते कुछ दिनों में सामने आए वीडियो ने दुनिया को हिला दिया म्यांमार सेना ने केके पार्क के बड़े हिस्सों को विस्फोट से उड़ाया, और भारी मशीनों से इमारतों को ढहाते हुए पूरे नेटवर्क को मिटाने का अभियान तेज कर दिया। सेना के अनुसार, KK Park में चिन्हित 635 अवैध इमारतों में से 217 को पहले ही ध्वस्त किया जा चुका है, जबकि रविवार, 23 नवंबर को 11 और ढांचे ढहा दिए गए।
सेना ने इसे “क्लियरेंस ऑपरेशन” का हिस्सा बताया है, जिसमें बिना अनुमति बने ढांचे गिराए जा रहे हैं और उन भवनों पर छापे मारे जा रहे हैं जहाँ साइबर ठगी, अवैध सट्टेबाजी और मानव-तस्करी से जुड़े गिरोह सक्रिय थे। कार्रवाई की सबसे बड़ी झड़ी रविवार को देखने को मिली, जब 156 विदेशी नागरिकों को एक साथ गिरफ्तार किया गया। इन लोगों में चीन, वियतनाम, मलेशिया, केन्या, भारत, नाइजीरिया, फिलीपींस और कई अफ्रीकी देशों के नागरिक शामिल हैं।
सेना ने बताया कि 18 से 23 नवंबर के बीच 1,746 विदेशी नागरिक अवैध रूप से सीमा पार करते और स्कैम ऑपरेशन्स में शामिल पाए गए। सभी को हिरासत में लेकर Shwe Kokko Myaing Village में रखा गया है, जहाँ से उन्हें चरणबद्ध तरीके से उनके देशों को सौंपा जाएगा।
छापेमार कार्रवाई में 2,900 कंप्यूटर, 21,700 मोबाइल फोन, 101 स्टारलिंक राउटर और दर्जनों अन्य उपकरण बरामद किए गए—जो यह बताने के लिए काफी हैं कि स्कैम कम्पाउंड कितनी विशाल और तकनीकी रूप से सुसज्जित प्रणाली पर चल रहे थे।
म्यांमार प्रशासन के आँकड़े चौंकाते हैं 30 जनवरी 2025 से 23 नवंबर 2025 तक कुल 12,586 विदेशी स्कैम ऑपरेशन्स में पकड़े गए। इनमें से 9,978 लोगों को थाईलैंड के रास्ते वापस भेजा जा चुका है, जबकि 2,608 अब भी डिपोर्टेशन की प्रतीक्षा में हैं।
इन कम्पाउंड्स की स्थापना और विस्तार पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। 2017 में Shwe Kokko को हांगकांग पंजीकृत Yatai International Holdings Group के साथ मिलकर एक ‘कसीनो डेस्टिनेशन’ के रूप में प्रमोट किया गया था। पर वास्तविकता यह निकली कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान मानव-तस्करी, फर्जी निवेश योजनाएँ, रोमांस स्कैम, क्रिप्टो ठगी और ऑनलाइन जुए के नाम पर यह पूरा नेटवर्क बहु-अरब डॉलर की अपराध अर्थव्यवस्था में बदल गया।
कंपनी ने मानव-तस्करी और अपराध गतिविधियों को लेकर सभी आरोपों से इनकार किया है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में KK Park और Shwe Kokko को वैश्विक धोखाधड़ी का केंद्र बताया गया है।
जनवरी में थाईलैंड में एक चीनी अभिनेता के अपहरण का मामला सामने आते ही इन कम्पाउंड्स पर अंतरराष्ट्रीय दबाव अचानक बढ़ गया। उसके बाद चीन, थाईलैंड, कंबोडिया और इंटरपोल ने मिलकर बहु-देशीय अभियान शुरू किया, जिसके बाद म्यांमार की सेना को भी मजबूरन कार्रवाई तेज करनी पड़ी।
म्यांमार सेना ने ऑपरेशन को अपराध-मुक्ति की दिशा में बड़ा कदम बताया है, पर मानवाधिकार समूहों का कहना है कि जब तक इन नेटवर्कों में लगी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय माफिया की राजनीतिक पहुँच नहीं काटी जाती, तब तक संरचनाएँ ध्वस्त करने से फर्क सीमित रहेगा।
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