म्यांमार में विनाशकारी भूकंप ने पूरे देश में भारी तबाही मचाई है। शुक्रवार दोपहर 7.7 तीव्रता के इस शक्तिशाली भूकंप में अब तक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है, 2,376 लोग घायल हुए हैं और कम से कम 30 लोग लापता हैं। म्यांमार सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मांडले से 21 किमी दूर था। सागाइंग, बागो, मैगवे, मांडले और शान राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पूरे क्षेत्र में 12 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए, जिनमें से कुछ की तीव्रता 7.5 तक पहुंच गई। कई इमारतें, पुल और सड़कें ध्वस्त हो गई हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
भूकंप के बाद से यांगून-मांडले राजमार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। विद्युत और संचार सेवाएं प्रभावित होने के कारण बचाव कार्यों में देरी हो रही है। कई जगहों पर मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल दिन-रात काम कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और संयुक्त राष्ट्र की टीमें सहायता भेजने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन म्यांमार में चल रहे राजनीतिक संकट के कारण राहत कार्यों में बाधा आ सकती है। थाईलैंड और चीन ने आपातकालीन सहायता भेजने की घोषणा की है, जबकि भारत की ओर से सहायता भेजी गई है। साथ ही बांग्लादेश भी सहायता भेजने की प्रक्रिया में हैं।
म्यांमार के सैन्य शासक वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने देशवासियों से शांत रहने और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मानवीय सहायता की गुहार भी लगाई है। भूकंप के आफ्टरशॉक्स अभी भी जारी हैं। सरकार ने लोगों को घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि नए झटकों की संभावना बनी हुई है। म्यांमार को इस विनाशकारी भूकंप से उबरने में लंबा समय लग सकता है। प्रशासन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संकट से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
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