राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तथा निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना है। हर वर्ष राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस को एक अलग विषय पर आयोजित किया जाता है। इस साल इसका विषय डिजिटल न्याय के साथ सक्षम और त्वरित निष्पादन रखा है।
केंद्र सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 लाया गया था। यह कानून 20 जुलाई 2020 को लागू हुआ।
यह कानून 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को प्रतिस्थापित करता है और विवाद निपटान एवं बाजार जवाबदेही के लिए एक बेहतर समकालीन ढांचा प्रस्तुत करता है। यह अधिनियम उपभोक्ता कल्याण की रक्षा करने और व्यावसायिक लेन-देन में निष्पक्षता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
सरकार उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए एक कई डिजिटल पहलें भी कर रही है। इसमें ई-जागृति पहल भी शामिल है, जिसे 1 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था।
यह भारत में उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में बड़ी तेजी से उभरा है। यह पूर्व प्रणालियों, जिसमें ओसीएमएस, ई-दाखिल, एनसीडीआरसी सीएमएस तथा कॉन्फोनेट शामिल हैं, उनको एक एकल, सुव्यवस्थित इंटरफेस में एकीकृत करता है, उनकी पहुंच को बढ़ाया जाता है और प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाता है। अब यह एनसीडीआरसी तथा सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यरत है।
नवंबर 2025 के मध्य तक, इस मंच ने 1.35 लाख से अधिक मामले दर्ज करने में सहायता प्रदान की है और 1.31 लाख से अधिक मामलों के निपटारे को सक्षम बनाया है। इसके 2.81 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओ का आधार शामिल है, जिसमें 1,400 गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई) शामिल हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अपने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को अपग्रेड किया है, जिसमें एआई-सक्षम एनसीएच 2.0 को पेश किया गया है, जो बहुभाषी सहायता, चैटबॉट-समर्थित इंटरैक्शन और तेज शिकायत निपटान प्रदान करता है।
जागो ग्राहक जागो ऐप सत्यापित ई-कॉमर्स जानकारी प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं को संभावित असुरक्षित वेबसाइटों के बारे में अलर्ट करता है, जबकि जागृति ऐप उपभोक्ताओं को संदिग्ध यूआरएल को सीधे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है।
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