Uttarkashi Tunnel Rescue: अमेरिकी मशीन ने ही बचाव अभियान में डाली बाधा ?

यह भी कहा गया कि बुधवार आधी रात या गुरुवार सुबह तक मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा| इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री विधायकों, सांसदों के साथ मौके पर पहुंचे थे|

Uttarkashi Tunnel Rescue: अमेरिकी मशीन ने ही बचाव अभियान में डाली बाधा ?

Uttarkashi Tunnel Rescue: American machine itself hindered the rescue operation, workers' wait increased?

प्रशासन ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहा बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है| यह भी कहा गया कि बुधवार आधी रात या गुरुवार सुबह तक मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा| इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री विधायकों, सांसदों के साथ मौके पर पहुंचे थे|
हालाँकि, यह कहा गया था कि अंतिम खुदाई के दौरान बाधाएं थीं। बुधवार को बताया गया कि खुदाई के दौरान लोहे की सरिया आ जाने के कारण अमेरिकन ऑगर मशीन सुचारु रूप से काम नहीं कर सकी| खुदाई के बाद 32 इंच चौड़ी पाइप बिछाई जाएगी और पाइप के जरिए इन मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा| हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पाइप बिछाने के काम के बाद से कोई प्रगति नहीं हुई है|
एनडीएमए ने कहा है कि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अभी भी 15 मीटर की खुदाई बाकी है| उधर, एमडीएमए ने मीडिया से भी आग्रह किया है कि मजदूरों को कब रिहा किया जाएगा, इस बारे में कोई भविष्यवाणी न करें| सुरंग में 41 मजदूर 13 दिनों से फंसे हुए हैं|उन्हें खोदने के लिए मलबे को खोदने की आवश्यकता होती है। इसके लिए पाइप बिछाए जा रहे हैं।
अब तक जिन विदेशी मशीनों ने खुदाई की है और माना जा रहा था कि बुधवार आधी रात तक मजदूरों को निकाल लिया जाएगा, वही मशीनें अब बचाव कार्य में बड़ी बाधा बन रही हैं। सबसे चर्चित मशीन अब लगातार खराब हो रही है। हालाँकि उत्कीर्णन का अधिकांश कार्य इसी मशीन की सहायता से किया जाता था, लेकिन अब यह मशीन लगातार खराब हो रही है। खुदाई के दौरान लोहे की सरिया बाधा बन रही है। इन्हीं धागों के कारण मशीन में खराबी आ रही है। परिणामस्वरूप खुदाई रोकनी पड़ी। साथ ही मशीन की मरम्मत में भी समय लगता है| मशीन की मरम्मत के लिए गुरुवार को दिल्ली से एक इंजीनियर को उत्तरकाशी भेजा गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस बचाव अभियान के लिए पूरी तरह से अमेरिकी बरमा मशीनों पर निर्भर नहीं है। उनका प्लान बी तैयार है, ये प्लान थोड़ा पेचीदा है| एमडीएमए मैनुअल ड्रिलिंग पर विचार कर रहा है। बरमा जैसी बड़ी मशीन से खुदाई करने में कितना समय लगेगा, यदि मजदूर छोटी मशीनों और औजारों से खुदाई करने लगें तो कितना समय लगेगा? इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है|
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