नीरज का पहला दौर फाउल रहा और दूसरे और तीसरे दौर में उनका जेवलिन क्रम से 82.39 और 86.37 मीटर का ही फासला तय कर पाया। नीरज के पास इसके बाद मात्र दो अवसर ही बचे थे, जिसमें उन्हें अपने उम्दा खेल का परिचय देते हुए चौथे दौर में नीरज के जेवलिन ने 88.13 मीटर का फासला तय किया और यहां से भारत का मेडल लगभग पक्का हो गया था।
नीरज चोपड़ा का पांचवां दौर फाउल रहा और उनके प्रतिद्वंद्वी एंडरसन पीटर्स ने जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने अपने आखिरी अवसर पर 90.54 मीटर दूर जेवलिन फेंका था। भारत की ओर से यह मात्र दूसरा वर्ल्ड एथलेटिक्स मेडल है। 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जंप में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
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