न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 122 करोड़ रुपये के घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मुख्य आरोपी हितेश मेहता का मंगलवार को पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया। मुंबई पुलिस ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह टेस्ट फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में फोरेंसिक विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
मुंबई पुलिस के अनुसार, मंगलवार (12 मार्च) सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चले इस पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान हितेश मेहता से करीब 40 से 50 सवाल पूछे गए। यह सवाल घोटाले से संबंधित धन के लेन-देन, अन्य सह-आरोपियों की भूमिका और बैंक फंड के दुरुपयोग से जुड़े थे। मेहता ने अधिकतर सवालों के जवाब हां या न में दिए। पुलिस के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट अगले 3 से 4 दिनों में आने की संभावना है। इस रिपोर्ट के आधार पर जांच में नए खुलासे होने की उम्मीद है।
मुख्य आरोपी फरार, पुलिस की जांच तेज
इससे पहले, ईओडब्ल्यू ने बताया कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की कार्यवाहक चेयरमैन गौरी भानु और उनके पति हिरेन भानु घोटाले के बाद देश छोड़कर फरार हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार, हिरेन भानु 26 जनवरी को भारत छोड़कर भाग गए थे, जबकि उनकी पत्नी गौरी भानु 10 फरवरी को थाईलैंड चली गईं। पुलिस अब उन्हें भगोड़ा घोषित करने की तैयारी कर रही है।
अब तक हुई गिरफ्तारियां
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस बैंक घोटाले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में बैंक के पूर्व जीएम हितेश मेहता, बिल्डर धर्मेश पौन, अभिमन्यु और मनोहर शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि आगे की जांच में और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
कैसे हुआ 122 करोड़ रुपये का गबन?
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए इस घोटाले में बैंक के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए ऋण जारी किए और करोड़ों रुपये का गबन किया। बैंक के आंतरिक ऑडिट में इस घोटाले का खुलासा हुआ, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया। मुंबई पुलिस ने कहा कि इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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