नई रिसर्च में दावा : गर्भावस्था में एक्सरसाइज, सॉना बाथ और गर्म पानी सुरक्षित!

यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के वैज्ञानिकों ने की है। इसे ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।

नई रिसर्च में दावा : गर्भावस्था में एक्सरसाइज, सॉना बाथ और गर्म पानी सुरक्षित!

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गर्भावस्था के दौरान महिला को कई बातों की सलाह दी जाती है। कोई कहता है ज्यादा मत चलो, कोई कहता है ठंडी जगह रहो, और कोई गर्म पानी से परहेज करने की सलाह देता है। सॉना बाथ और एक्सरसाइज से बचो। ज्यादातर लोगों का मानना है कि इनसे बच्चे को नुकसान होता है। लेकिन क्या सच में ऐसा है? वैज्ञानिकों की हालिया रिसर्च ने इन सब बातों को गलत साबित किया है।

यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के वैज्ञानिकों ने की है। इसे ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। रिसर्च कहती है कि गर्भवती महिलाएं अगर सावधानी बरतें तो वह गर्म मौसम में एक्सरसाइज कर सकती हैं, स्पा या सॉना बाथ ले सकती हैं, और यह सब करने से बच्चे को कोई खतरा नहीं होता।

इस रिसर्च का नेतृत्व प्रोफेसर ओली जे ने किया है। उनका कहना है कि बहुत सी महिलाएं गर्मी के कारण एक्सरसाइज से बचती हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं बच्चे को नुकसान न हो जाए। लेकिन रिसर्च में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है जिससे यह साबित हो कि गर्मी में की गई एक्सरसाइज या सॉना बाथ लेने से कोई नुकसान होता है।

इस रिसर्च में 347 गर्भवती महिलाओं पर 12 अलग-अलग अध्ययन किए गए। इसमें देखा गया कि जब महिलाएं गर्मी में एक्सरसाइज करती हैं या सॉना बाथ लेती हैं तो उनका शरीर किस तरह रिएक्ट करता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाएं 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 45 प्रतिशत आर्द्रता (नमी) में 80 से 90 प्रतिशत अधिकतम हृदय गति की तीव्रता पर करीब 35 मिनट तक एक्सरसाइज कर सकती हैं, और इससे बच्चे पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।

इसी तरह, 33.4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान वाले पानी में गर्भवती महिलाएं तैराकी या एक्वा एरोबिक्स जैसी गतिविधियां कर सकती हैं। वह 45 मिनट तक पानी में रह सकती है। यह भी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके अलावा, शोध में यह भी सामने आया कि गर्भवती महिलाएं 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म पानी के टब में या 70 डिग्री सेल्सियस के सॉना बाथ में, जहां नमी केवल 15 प्रतिशत होती है, 20 मिनट तक बैठ सकती हैं।

इस पूरी रिसर्च में किसी भी महिला का शरीर का तापमान उस सीमा तक नहीं पहुंचा जिसे खतरनाक माना जाता है। ज्यादातर मामलों में तापमान इससे काफी कम रहा।

हालांकि रिसर्च टीम ने यह भी कहा है कि हर महिला की सेहत अलग-अलग होती है, इसलिए कोई भी गतिविधि शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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