नित्यानंद पर दुष्कर्म का आरोप है। वो 2019 में भारत से भाग गया था। भागकर उसने एक जमीन खरीदी और अपना अलग देश घोषित कर दिया। उसने अपने देश का नाम ‘कैलासा’ रखा। इसके साथ ही नित्यानंद पुनः एक बार चर्चा में आ गए है। हालांकि कोई नहीं जानता कि उसका यह काल्पनिक देश कहां है। उसके अनुयायियों की सोशल मीडिया पर मौजूदगी है। जहां वे अपने देश में हो रहे विकास पर लगातार अपडेट पोस्ट करते रहते हैं। वहीं कैलासा के एक प्रतिनिधि विजयप्रिया नित्यानंद भी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में हिस्सा लिया। जिसके बाद उसे लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं।
सूत्रों के मुताबिक नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप खरीदा है, जहां वह ‘कैलासा’ स्थापित करने का दावा करता है। बहरहाल इस ‘कैलासा’ का नाम तिब्बत में कैलाश पर्वत के नाम पर रखा गया है, जिसे हिंदुओं का पवित्र तीर्थ-स्थान माना जाता है। नस्ल, लिंग, पंथ या जाति पर विचार किए गए बगैर कैलासा दुनिया भर के इच्छुक या सताए गए हिंदुओं को शरण की पेशकश करता है। जहां वे शांतिपूर्वक रह सकते हैं और अपमान, हस्तक्षेप और हिंसा से मुक्त रहकर अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति का पालन कर सकते हैं।
नित्यानंद के तथाकथित देश कैलासा का अपना झंडा है, अपना संविधान है, अपनी आर्थिक व्यवस्था है यहां तक कि उसका अपना पासपोर्ट सिस्टम भी है। दूसरे देशों की तरह कैलासा में भी कई डिपार्टमेंट हैं, इसकी वेबसाइट के मुताबिक, राजकोष, कॉमर्स, आवास, मानव सेवा जैसे कई विभाग शामिल हैं। बहरहाल संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘कैलासा’ को मान्यता नहीं दिया है। आपको बता दें कि काल्पनिक देश यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा के प्रतिनिधि का यूनाइटेड नेशंस की बैठक में आना भारत को पसंद नहीं आया है।
ये भी देखें
असम CM का राहुल पर वार, कहा- विदेशी धरती पर भारत को बदनाम कर रहे