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“भारतीय लोकतंत्र कई देशों के लिए उदाहरण है”, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने की भारत की प्रशंसा

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2025 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो ने भारतीय लोकतंत्र की खुलकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए लोकतंत्र का आदर्श उदाहरण है और इसे संरक्षित रखना न केवल भारतीयों बल्कि पूरी दुनिया की जिम्मेदारी है।

टाइम्स नाउ से एक गुप्त स्थान से बातचीत में मचाडो ने कहा,“भारत एक महान लोकतंत्र है। यह कई देशों और पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहा है कि किस तरह सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश सफलतापूर्वक काम करता है। यह बहुत बड़ी बात है। आपको इसका ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि दुनिया भर के कई देश आपकी ओर देखते हैं। लोकतंत्र को हमेशा मज़बूत किया जा सकता है, और उसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं भारत की दिल से प्रशंसा करती हूं। मेरी बेटी कुछ महीने पहले भारत गई थी और उसे आपका देश बहुत पसंद आया। मेरे कई वेनेज़ुएलन दोस्त भारत में रहते हैं, और मैं खुद भी भारतीय राजनीति को नज़दीकी से फॉलो करती हूं।” मचाडो ने यह भी कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की इच्छुक हैं और उम्मीद जताई कि वे “जल्द ही एक स्वतंत्र वेनेज़ुएला में प्रधानमंत्री मोदी की मेज़बानी करेंगी।”

मचाडो ने कहा कि वे महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन से प्रेरित हुई हैं। उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण होना कमजोरी नहीं है। गांधी ने पूरी मानवता को यह दिखाया कि अहिंसा का क्या अर्थ होता है।” उन्होंने आगे कहा, “हमें भारत की आवाज़ की ज़रूरत है। एक ऐसे महान लोकतंत्र की जो वेनेज़ुएला के लोगों के अधिकारों और जनसत्ता के पक्ष में बोले। जब हम अपने देश से अपराधी समाजवादी ढांचे को खत्म कर देंगे, तब भारतीय कंपनियों के लिए ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश के अवसर पैदा होंगे।”

मचाडो पिछले दो दशकों से वेनेज़ुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनावों को “धांधली वाला” बताया। उनके अनुसार, “28 जुलाई 2024 को हमने भारी बहुमत से चुनाव जीता। मुझे विपक्ष की ओर से उम्मीदवार चुना गया था और 93% वोट मिले, लेकिन मादुरो शासन ने मुझे चुनाव लड़ने से रोक दिया। मेरे स्थान पर एक ईमानदार और साहसी राजनयिक ने उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 70% वोटों से जीत हासिल की। हमारे पास 85% मूल मतगणना की शीट्स हैं जो हमारी जीत साबित करती हैं। हमने मादुरो को शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन उसने इनकार कर दिया और दमन की लहर चला दी।”

उन्होंने बताया कि इस दमन में “हजारों निर्दोष वेनेज़ुएलन नागरिकों को गायब कर दिया गया, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार हुए, उन्हें प्रताड़ित किया गया और कुछ की हत्या तक कर दी गई।”

मचाडो ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके लोकतांत्रिक संघर्ष में मुख्य सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, “अब जब अमेरिका, ट्रंप प्रशासन, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं, तो मादुरो समझने लगा है कि उसका समय खत्म हो रहा है। अब उसके लिए सबसे अच्छा विकल्प यही है कि वह हमारे प्रस्तावित शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन को स्वीकार करे।”

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मचाडो के बयान ने भारत की वैश्विक लोकतांत्रिक साख को फिर एक बार रेखांकित किया है। उन्होंने न केवल भारतीय लोकतंत्र की मजबूती की सराहना की, बल्कि यह भी कहा कि भारत की भूमिका वैश्विक लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में निर्णायक हो सकती है।

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