पाकिस्तान की कई मशहूर हस्तियों ने लता दीदी को याद किया। फिर चाहे वो सियासतदान हो, बिजनेसमैन हों या फिर फिल्मों से जुड़े लोग हों। हर पाकिस्तानी के लिए लता दीदी उतनी ही अहम थीं, जितनी हिंदुस्तानियों के लिए। यह शब्द पाकिस्तान के मशहूर एक्टर हुमायूं सईद ने कहे। आतिफ असलम और माहिरा खान जैसी सेलिब्रिटीज ने भी लताजी को दिल से याद किया।
सूफी गायिका आबिदा परवीन ने उन्हें याद किया तो बरबस आंखें छलक उठीं। बहुत रूंधे गले से वो अपने जज्बात जाहिर कर पाईं। आबिदा ने कहा कि उनकी आवाज खुदा का तोहफा था, उन्होंने उसे पूरी दुनिया के साथ बाटा । इसके बावजूद इतनी सादगी और इतना अपनापन? आबिदा ने कहा कि उनके गीत और उनकी आवाज जैसी दूसरी कोई हो ही नहीं सकती। क्या नहीं था उनके पास? इसके बावजूद इतनी सादगी और इतना अपनापन? वो खुद को कुछ नहीं मानतीं थीं।
आबिदा कहती हैं- एक बार किसी ने लता दीदी से पूछा, क्या आपको अपने गीत पसंद हैं? दीदी ने जवाब दिया- अगर मुझे एक और जीवन मिले तो मैं इन्हीं गीतों को फिर गाना चाहूंगी ताकि उनमें जो कमियां रह गई हैं, उन्हें दूर कर सकूं। उनके जैसे महान लोग कभी अपने काम से संतुष्ट नहीं होते। उनका हर गीत जैसे एक स्कूल का सबक है, हम जैसे लोग उनसे सीखते हैं।
आबिदा एक बार रिकॉर्डिंग के सिलसिले में भारत आईं थीं। मुंबई में जिस स्टूडियो में उनकी रिकॉर्डिंग चल रही थी, वहीं दीदी भी आईं थीं। अचानक किसी ने आबिदा परवीन को बताया कि लता जी इसी स्टूडियो में मौजूद हैं। फिर क्या था। आबिदा कहती हैं- मैंने अपनी रिकॉर्डिंग ही छोड़ दी। भागी-भागी लताजी के पास पहुंची और बेसाख्ता उनके कदमों में गिर पड़ी। मेरी आंखों से आंसू बरस रहे थे। दीदी ने उठाकर मुझे गले से लगा लिया। वो तो आत्माओं को जीत लेने वाली शख्सियत थीं। इस दुनिया और इसके बाहर भी उनके चाहने वाले होंगे।
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