राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की राजनीति की शुरुआत भारत से होती है और अंत भी भारत पर बयान देकर होता है। अपनी सत्ता खोने के डर से बार-बार जनता को संबोधित करते हुए इमरान खान ने भारत की तारीफ की तो दूसरी ओर नए पीएम बनने की ओर बढ़ रहे शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ बयान दिया है।
गौरतलब है कि इस वक्त पाकिस्तान राजनीतिक संकट के अलावा महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी और खरबों के विदेशी कर्ज से जूझ रहा है। इमरान खान की विदाई के बाद शहबाज शरीफ के सामने पाकिस्तान को मजबूती से खड़ा करना नई चुनौती है लेकिन अपनी आवाम को नौकरी देने, महंगाई पर काबू पाने और देश को आर्थिक मजबूती पर बात करने के बजाय वो कश्मीर का राग अलाप रहे हैं।
वही, 3 वर्ष 7 महीने और 23 दिनों के बाद इमरान खान रविवार तड़के पाकिस्तान के नेशनल असेंबली सत्र में अविश्वास प्रस्ताव हार गए। खान के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए अब नेशनल असेंबली 11 अप्रैल को मतदान करेगी।
रविवार को पाक संसद में 342 सदस्यीय सदन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सदस्यों ने मतदान किया। उधर, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, जो वर्तमान में नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं, अगले प्रधान मंत्री बनने के लिए तैयार हैं। बताया जा रहा है बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।
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