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Saturday, December 6, 2025
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पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वा: 12 महीने के बच्चे में पोलियो वायरस!

दो सैंपल्स की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। इन आंकड़ों से साफ है कि पोलियो वायरस अब भी कई इलाकों में सक्रिय है और इसका खतरा टला नहीं है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तोरघर जिले में पोलियो का एक नया मामला सामने आया है, जिससे 2025 में अब तक पोलियो के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। यह जानकारी इस्लामाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की पोलियो लैब द्वारा दी गई है।

एनआईएच की रिपोर्ट के मुताबिक, पोलियो वायरस एक 12 महीने के बच्चे में पाया गया है, जो तोरघर के गरी यूनियन काउंसिल का रहने वाला है।

पोलियो के इन मामलों में सबसे ज्यादा 19 केस खैबर पख्तूनख्वा से हैं। इसके अलावा, 9 मामले सिंध से और एक-एक मामला पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान से सामने आया है।

यह स्थिति एक बार फिर से पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम पर चिंता खड़ी कर रही है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया के लगभग सभी देश पोलियो को पूरी तरह खत्म कर चुके हैं।

पाकिस्तान पोलियो प्रोग्राम ने सितंबर महीने में पूरे देश के 87 जिलों से 127 सीवेज के नमूने इकट्ठा किए थे ताकि यह जांचा जा सके कि पोलियो वायरस कहां-कहां फैल रहा है। इनमें से 81 नमूनों में वायरस नहीं मिला, लेकिन 44 नमूनों में पोलियो वायरस की पुष्टि हुई है।

दो सैंपल्स की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। इन आंकड़ों से साफ है कि पोलियो वायरस अब भी कई इलाकों में सक्रिय है और इसका खतरा टला नहीं है।

गौरतलब है कि वर्तमान समय में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दो ऐसे देश बचे हैं, जहां वाइल्ड पोलियो वायरस (प्राकृतिक रूप से फैलने वाला पोलियो वायरस) अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन की कोशिशें कई सालों से चल रही हैं, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं, लोगों की वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट और गलत जानकारियों की वजह से ये प्रयास कई बार बाधित होते रहे हैं। 2024 में देश में 71 पोलियो केस सामने आए थे और उस साल लगभग 90 जिलों में यह वायरस पाया गया था।

एक और बड़ी समस्या जो पोलियो अभियान के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है, वह है पोलियो टीमों पर लगातार होने वाले हमले। हाल ही में 15 अक्टूबर को खैबर पख्तूनख्वा के निजामपुर इलाके में पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल पर अज्ञात हमलावरों ने गोली चला दी। इस हमले में कांस्टेबल मकसूद की मौत हो गई। वह खैबर जिले के खेशगी गांव का रहने वाला था।

पुलिस के अनुसार, जब महिला स्वास्थ्यकर्मी एक घर में बच्चों को पोलियो की खुराक दे रही थीं, इस दौरान कांस्टेबल मकसूद पर हमला किया गया। हमलावर घटना के बाद भाग निकले।

इससे एक दिन पहले, यानी 14 अक्टूबर को, स्वात जिले में भी इसी तरह का एक और दर्दनाक हादसा हुआ। वहां पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात एक कांस्टेबल को गोली मार दी गई। स्वात के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मुहम्मद उमर खान ने बताया कि जब अचानक हमला हुआ, तब वह कांस्टेबल भी दो महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अपनी ड्यूटी पर था।

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