पाकिस्तान में मानसून की बारिश ने भयंकर तबाही मचा दी है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के मुताबिक अब तक देशभर में 202 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 96 बच्चे शामिल हैं। लगातार हो रही बारिश और उससे उपजे हालात ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां अब तक 123 लोगों की जान गई है। इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा में 40, सिंध में 21, बलूचिस्तान में 16, और इस्लामाबाद व पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) में एक-एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हालात नियंत्रण से बाहर होते दिख रहे हैं।
NDMA की रिपोर्ट के अनुसार, 118 लोग इमारतों के गिरने, 30 लोग अचानक आई बाढ़, जबकि अन्य लोग बिजली गिरने, करंट लगने, डूबने, और भूस्खलन जैसी घटनाओं में मारे गए हैं। कई इलाके पानी में डूब चुके हैं, और गांवों से संपर्क टूट गया है।
नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (NEOC) ने 25 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर की चेतावनी जारी की है। चेतावनी में अचानक बाढ़, शहरी जलभराव, और हिमनद झीलों के फटने का खतरा जताया गया है। खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, सिंध और इस्लामाबाद के कई जिले हाई अलर्ट पर हैं।
पाकिस्तान मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश, और 21 से 24 जुलाई के बीच मध्यम से भारी बारिश की आशंका जताई है। इससे खासकर नदियों के ऊपरी क्षेत्र, निचले इलाकों, और पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ की गंभीर स्थिति बन सकती है।
बाढ़ की सबसे अधिक आशंका रावलपिंडी, लाहौर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, मुल्तान, खानेवाल, लोधरां, मुजफ्फरगढ़, राजनपुर, और बहावलपुर जैसे इलाकों में जताई जा रही है। कई स्थानों पर नालियों के जाम होने के कारण जलभराव गंभीर स्थिति में पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य संकट भी गहराने लगा है।
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