पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन The Resistance Front (TRF) को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित करने के फैसले पर यू-टर्न लेते हुए अब इस पर समर्थन जताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान कहा कि “TRF को आतंकी संगठन घोषित करना अमेरिका का संप्रभु निर्णय है और पाकिस्तान को इससे कोई आपत्ति नहीं है।”
यह वही TRF है जिसने पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। TRF को लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन माना जाता है, जो लंबे समय से भारत में आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा है। विदेश मंत्री डार ने कहा, “अगर अमेरिका के पास इस संगठन की संलिप्तता को लेकर कोई सबूत है, तो हम उसका स्वागत करते हैं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने हाल ही में TRF को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (FTO) और स्पेशली डिज़िग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) के रूप में चिन्हित किया है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले अप्रैल 2025 में, इशाक डार ने पाकिस्तानी संसद में यह दावा किया था कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उस प्रस्ताव को रुकवाया था जिसमें पहलगाम हमले की निंदा की गई थी और TRF को नामित करने की बात थी। उस समय पाकिस्तान ने TRF को आतंकी मानने पर आपत्ति जताई थी।
विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय दबाव और अमेरिका के साथ संबंधों को बनाए रखने की पाकिस्तान की कूटनीतिक कोशिशों का हिस्सा है। TRF पर अमेरिका की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का रुख नरम होना यह संकेत देता है कि अब वह इस मसले पर वैश्विक आलोचना का सामना नहीं करना चाहता।
भारत पहले ही TRF को लश्कर-ए-तैयबा का नया चेहरा मानते हुए उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग करता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान का यह रुख बदलाव भले ही प्रतीकात्मक हो, लेकिन भारत के लिए यह एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।
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