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Sunday, June 15, 2025
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पाकिस्तानी विदेश मंत्री के झूठ का पर्दाफाश, एआई फोटो को झूठ का बनाया आधार !

इस 'AI से बनी हेडलाइन' को सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलाने तक बात नहीं रुकी—इसे विदेश मंत्री ने देश की संसद में बतौर तथ्य पेश किया।

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भारत के खिलाफ जारी पाकिस्तान की सूचना युद्ध अब बुरी तरह बेनकाब हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर में सैन्य शिकस्त के बाद पाकिस्तान ने सिर्फ ड्रोन और गोलीबारी नहीं की, बल्कि डिजिटल हथियारों से भी हमला करने की कोशिश की—जिसे भारत सरकार ने दो टूक अंदाज़ में ध्वस्त कर दिया है। ताज़ा मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से जुड़ा है, जिन्होंने संसद में एक झूठे दावे के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाई गई फोटो का सहारा लिया।

15 मई को पाक सीनेट में इशाक डार ने दावा किया कि ब्रिटेन के प्रतिष्ठित समाचार पत्र द डेली टेलीग्राफ ने पाकिस्तान वायु सेना को “आसमान का निर्विवाद राजा” बताया है। यह सुनने में जितना भव्य था, असल में उतना ही फर्जी निकला। भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक विंग ने इस बयान की पोल खोल दी और स्पष्ट किया कि जिस हेडलाइन की बात की जा रही थी, वह एक एआई-जनरेटेड इमेज थी—ना कि कोई असली खबर या संपादकीय।

PIB ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साफ कहा: “सोशल मीडिया पर प्रसारित एक तस्वीर में दावा किया गया है कि यह ब्रिटेन के अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ के पहले पन्ने की है… यह दावा झूठा है क्योंकि यह फोटो ही एआई से बनाई गई है। ‘द डेली टेलीग्राफ’ में ऐसा आर्टिकल कभी प्रकाशित ही नहीं हुआ था।”

यह घटना पाकिस्तान की रणनीतिक असहायता को दर्शाती है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जहां भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की, वहीं पाकिस्तान ने न केवल कूटनीतिक तौर पर उलझन महसूस की, बल्कि डिजिटल स्तर पर भी फर्जीवाड़े की राह चुनी। इस ‘AI से बनी हेडलाइन’ को सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलाने तक बात नहीं रुकी—इसे विदेश मंत्री ने देश की संसद में बतौर तथ्य पेश किया।

डिजिटल फेक न्यूज़ को राष्ट्रीय बयान का हिस्सा बनाना किसी भी लोकतंत्र की गंभीर निंदा है, लेकिन पाकिस्तान में यह अब रणनीति बनती जा रही है। यह पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तानी एजेंसियों या नेताओं ने भारत के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए तकनीक का गलत इस्तेमाल किया हो—लेकिन यह ज़रूर पहली बार है जब एक झूठ को इतना बड़ा मंच और वैधता देने की कोशिश की गई।

इस घटनाक्रम ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या पाकिस्तान की विदेश नीति अब AI पर आधारित कल्पनाओं और झूठे नैरेटिव्स पर चल रही है? और क्या इससे उसकी वैश्विक साख और अधिक नीचे नहीं जा रही? जवाब कहीं न कहीं इशाक डार के बयान और उसके तत्काल खुलासे में ही छुपा है।

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