फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार (19 अक्टूबर) को दुनिया के सबसे मशहूर कला संग्रहालय लूव्र म्यूज़ियम (Louvre Museum) में हुई एक सनसनीखेज़ चोरी ने सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया है। चार मुखौटा पहने चोर दिनदहाड़े म्यूज़ियम में घुसे और महज़ सात मिनट में फ्रांस के शाही खज़ाने से आठ दुर्लभ आभूषण लेकर फरार हो गए। हालांकि भागते समय उन्होंने सम्राज्ञी यूजिनी (Empress Eugénie) का हीरा-जड़ित ताज गिरा दिया, जिससे यह अनमोल वस्तु बच गई।
पुलिस के अनुसार, सुबह करीब 9:30 बजे चार चोर एक वाहन में सवार होकर सीन नदी के किनारे स्थित लूव्र पहुंचे। उन्होंने एक फर्नीचर होइस्ट और कटिंग उपकरणों की मदद से अपोलो गैलरी (Galerie d’Apollon) की पहली मंज़िल की खिड़की तोड़कर अंदर प्रवेश किया, वही गैलरी जहां शाही गहनों का प्रदर्शन होता है। फ्रांस के गृह मंत्री लॉरेंट नुनेज़ ने बताया कि पूरी वारदात 10 मिनट से भी कम समय में पूरी हो गई। चोरों ने सुरक्षा गार्डों को धमकाया, उन्हें बाहर निकलने को कहा और दो डिस्प्ले केसों से गहने निकाल लिए।
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एक स्थानीय गवाह समीर ने टीवी चैनल TF1 को बताया, “मैंने देखा कि दो लोग होइस्ट पर चढ़कर खिड़की तोड़ रहे थे, यह सब 30 सेकंड में हुआ। फिर चारों स्कूटर पर भाग निकले।” अमेरिकी पर्यटक तालिया ओकाम्पो ने कहा, “यह किसी हॉलीवुड फिल्म जैसा लग रहा था। हम लौवर नहीं जा पाए क्योंकि वहां चोरी हो गई थी।”
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अधिकारियों ने बताया कि चोरी हुए आठ गहनों में 19वीं सदी के दुर्लभ आभूषण शामिल हैं, जो कभी फ्रांसीसी राजघराने या साम्राज्यवादी शासकों के थे,
- नेपोलियन तृतीय की पत्नी, महारानी यूजनी का एक मुकुट और ब्रोच।
- महारानी मैरी लुईस का एक पन्ना हार और पन्ना की बालियों की एक जोड़ी।
- रानी मैरी-एमिली और रानी हॉर्टेंस के नीलम सेट से एक मुकुट, हार और एक बाली।
- एक ब्रोच जिसे “अवशेष ब्रोच” के नाम से जाना जाता है।
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इन सभी में हज़ारों हीरे, पन्ने और नीलम जड़े हुए हैं। कला विशेषज्ञ एंथनी अमोरे, जिन्होंने Stealing Rembrandts नामक पुस्तक लिखी है, ने कहा कि ये गहने “सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि फ्रांस की सांस्कृतिक धरोहर के लिहाज़ से भी अमूल्य” हैं।
भागते वक्त चोरों ने गलती से सम्राज्ञी यूजिनी का मुकुट गिरा दिया, जो इस चोरी की सबसे कीमती वस्तु थी। इसके अलावा वे “रेजेंट डायमंड” (Regent Diamond) तक नहीं पहुंच पाए, जिसकी कीमत 60 मिलियन डॉलर (करीब ₹500 करोड़) बताई जाती है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस चोरी को “राष्ट्रीय विरासत पर हमला” बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“लूव्र में हुई यह चोरी हमारी उस धरोहर पर हमला है जिसे हम अपनी इतिहास की आत्मा मानते हैं। हम इन कलाकृतियों को वापस लाएंगे और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
हालांकि लूव्र में चोरी की घटनाएं बेहद दुर्लभ हैं। 1998 में फ्रांसीसी चित्रकार कैमिल कोरो की एक पेंटिंग रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी और आज तक बरामद नहीं हुई। सबसे मशहूर घटना 1911 में हुई थी जब एक इतालवी कर्मचारी ने मोना लिसा को अपने कोट के नीचे छिपाकर चुरा लिया था। यह पेंटिंग दो साल बाद वापस मिली थी।
फ्रांस की पुलिस ने बताया कि 60 जांचकर्ताओं की टीम इस मामले की जांच कर रही है और इसे एक संगठित अपराध गिरोह की साजिश माना जा रहा है। म्यूज़ियम अभी भी बंद है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां उम्मीद जता रही हैं कि यह “फिल्मी चोरी” जल्द सुलझा ली जाएगी और फ्रांस की ताजपोशी के ये रत्न फिर से लूव्र की शोभा बनेंगे।
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