लखनऊ के लोग इस वक्त एक साथ छह तरह के बुखार के हमले से बेहाल हैं। हर रोज सैकड़ों लोग वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया, टायफाइड, मलेरिया और सीजनल बुखार से ग्रस्त है। भारी तादात में लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं डॉक्टर भी इनके इलाज को लेकर चकरा से गए हैं। हालात यह है कि गली-मोहल्लों के लोग बुखार की चपेट में आ गए हैं। जिस वजह से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बेड ना होने की संकट की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं बुखार से तप रहे कई मरीजों को घंटों ओपीडी में डॉक्टर की सलाह और दवा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बात यदि सिविल अस्पताल की करें तो यहाँ 400 से अधिक बेड हैं। 90 फीसदी बेड भरे हैं। इसमें 220 से ज्यादा बुखार पीड़ित भर्ती हैं। नेत्र, जनरल सर्जरी समेत दूसरे विभागों में बुखार मरीजों की भर्ती शुरू कर दी गई है। ओपीडी में 183 से अधिक बुखार पीड़ित पहुंचे। केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भी बेड को लेकर मारामारी सी मची हुई है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) मेडिसिन विभाग के डॉ. केके सावलानी के मुताबिक मौसम में तेजी से बदलाव हो रहे है। ऐसी स्थिति में वायरल बुखार का प्रकोप छाया हुआ है। वहीं लोग तमाम तरह के अलग-अलग संक्रमण से भी बेहाल हैं। चिंता का विषय यह है कि ज्यादातर बीमारियों के लक्षण मिलते-जुलते दिखाई दे रहे हैं। कुछ बीमारियां शुरुआती जांच में पकड़ में आ रही हैं तो कुछ एक सप्ताह बाद। ऐसे हालात में बीमारी की पहचान और उसके इलाज में खास सावधानी की जरूरत है। वहीं केजीएमयू के डॉ. हरीश गुप्ता ने बताया कि इस समय कई तरह का बुखार फैला है। आमतौर पर तीन से चार तरह का बुखार रहता है ऐसे में धैर्य रखकर इलाज लें।
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