नई दिल्ली। टाइम पत्रिका द्वारा बुधवार को जारी 2021 के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्ति की सूची में पीएम मोदी, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला शामिल हैं।
अगर वैश्विक सूची की बात करें तो इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ड्यूक और डचेस ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी और मेगन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं। इस सूची में तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर भी शामिल है। पीएम मोदी के टाइम प्रोफाइल में कहा गया है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने 74 वर्षों में भारत के तीन प्रमुख नेता रहे हैं। इनमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं।
देश की राजनीति पर हावी होने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे नेता हैं, उनके बाद कोई नहीं है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हैं। टाइम पत्रिका में अदार पूनावाला के टाइम प्रोफाइल में कहा गया है कि COVID-19 महामारी की शुरुआत से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के 40 वर्षीय प्रमुख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और पूनावाला अब महामारी को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। द टाइम प्रोफाइल तालिबान के सह-संस्थापक बरादर के बारे में बताया गया है, ‘ऐसा कहा जाता है कि वह सभी प्रमुख फैसले ले रहा था, जिसमें पूर्व सरकार के सदस्यों को दी जाने वाली माफी, तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर रक्तपात ना करना और पड़ोसी देशों, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सरकार के साथ संपर्क करना और वहां के दौरे करना शामिल थे।
देश की राजनीति पर हावी होने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे नेता हैं, उनके बाद कोई नहीं है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हैं। टाइम पत्रिका में अदार पूनावाला के टाइम प्रोफाइल में कहा गया है कि COVID-19 महामारी की शुरुआत से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के 40 वर्षीय प्रमुख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और पूनावाला अब महामारी को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। द टाइम प्रोफाइल तालिबान के सह-संस्थापक बरादर के बारे में बताया गया है, ‘ऐसा कहा जाता है कि वह सभी प्रमुख फैसले ले रहा था, जिसमें पूर्व सरकार के सदस्यों को दी जाने वाली माफी, तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर रक्तपात ना करना और पड़ोसी देशों, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सरकार के साथ संपर्क करना और वहां के दौरे करना शामिल थे।