देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट का आज राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

165 एकड़ में फैले झारखंड हाई कोर्ट में सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है।

देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट का आज राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी बुधवार, 24 मई को झारखंड हाई कोर्ट का उद्घाटन करने वाली हैं। ये देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट होगा। इस कार्यक्रम में देश के मुख्य जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी हिस्सा लेंगे। 165 एकड़ में फैले इस हाई कोर्ट में सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। हाई कोर्ट का प्रवेश द्वार काफी शानदार बनाया गया है। इसकी भव्यता और खूबसूरती देखने लायक है। साथ ही पूरे कोर्ट परिसर में सेंट्रलाइज्ड एसी लगी हुई है।

हाईकोर्ट बिल्डिंग के दोनों ओर भव्य बिल्डिंग बनाई गई है, जिसमें महाधिवक्ता के अलावा वकीलों के बैठने की जगह और लाइब्रेरी की व्यवस्था है। हाई कोर्ट के कैंपस में करीब साढ़े 4 हजार पौधे लगाए गये हैं। इसके अलावा कोर्ट परिसर में ही पोस्टल ऑफिस, रेलवे बुकिंग काउंटर और डिस्पेंसरी की भी सुविधा उपलब्ध है। दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट भवन के बिल्कुल पास में ही नवनिर्मित विधानसभा का भवन है। इसी इलाके में विधायकों के लिए आवास का भी निर्माण कराया जा रहा है।

हाई कोर्ट की निगरानी के लिए 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही हाई मास्ट लाइट और एक हाईटेक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से पूरी बिल्डिंग की निगरानी और मेंटेनेंस मॉनिटरिंग का काम किया जाएगा।  वर्षा जल संचयन की बेहतर व्यवस्था की गयी है, ताकि बारिश का पानी कैंपस से बाहर नहीं जा सके। हाईकोर्ट के कैंपस में वकील व मुवक्किलों के 2000 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं न्यायाधीशों के वाहनों के लिए अलग से मेंब्रेन रूफ केनोपी वाले पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

बिजली आपूर्ति के लिए कोर्ट परिसर में एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है। ग्रीन बिल्डिंग में 32 लिफ्ट लगाए गए हैं।  जिसमें एक बार में 13 व्यक्ति जा सकेंगे। कोर्ट रूम में जाने के लिए दो स्केलेटर भी लगाए गए हैं। पूरी बिल्डिंग की बाहरी दीवार को इस तरह से तैयार किया गया है कि आग, जल और ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित रहेगा। पूरा कोर्ट परिसर आपको झारखंड की संस्कृति और सभ्यता से परिचित कराएगा। यहां जगह-जगह पर झारखंड के वीर सपूतों की तस्वीरें लगाई गई हैं। इसके अलावा संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अलग-अलग तस्वीरें लगाई गई हैं।

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