फ्रांस के राष्ट्रपति ने 30 जनवरी को अपने समाधान में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को 10-11 फरवरी को आयोजित होने जा रही एआई समिट में सह-अध्यक्ष के रूप में सम्मिलित होने का प्रस्ताव दिया था जिसके उपलक्ष्य में वे फ्रांस जायेंगे| इसके अलावा अमेरिका के उप राष्ट्रपति और चीन के उप प्रधान मंत्री के साथ साथ कई प्रमुख हस्तियां भी शामिल होंगी।
दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती पहुँच को लेकर सभी देशों के अपने अपने मापदंड हैं, किसी के लिए चिंता का विषय तो किसी के लिए नयी तकनीक और विकास का रास्ता है एआई| ऐसे में इस पर चर्चा और समता पर पहुंचना आवश्यक हो जाता है| प्रमख देशों के बीच नयी टेक्नीक को लेकर सामंजस्य बिठाने की कोशिश के रूप में पैरिस पीस फोरम के तहत आयोजित होने वाला यह समिट नई पीढ़ी के लिए अवसर के कई द्वार खोल सकता है|
फ्रांस और भारत के बीच कई मुद्दों और कई क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बन्ध और समता रही है जैसे, व्यापर, शिक्षा, एयरोस्पेस, इंजन, आदि| इस दौरे में दोनों देशो के प्रमुख के बीच नुक्लियर एनर्जी से सम्बंधित चर्चा की भी आशंका है| साथ ही प्रधान मंत्री मार्सेल में भी कांसुलेट का उद्घाटन करने वाले हैं जिससे दक्षिण फ्रांस में भरता की पहुँच और वहां रह रह भारतीयों और मूल नागरिको के बीच सम्बन्ध अच्छे किये जा सके।
यह भी पढ़ें:
मुंबई: NCB को बड़ी कामयाबी, 200 करोड़ के ड्रग्स जब्त, 4 आरोपी गिरफ्तार!
घर गिरवी रखा, बैंक लोन लिया, सारी संपत्ति बर्बाद कर दी; अमेरिका में अवैध तरीकों से जाने वालों का दर्द !
महाकुंभ मेला में फिर आग, शंकराचार्य रोड पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियां!
10-11 फरवरी को होने वाली इस समिट से सभी देशों के प्रमुखों ने सकारात्मक अंदेशे दिए हैं। उनका मानना है कि इस समिट से दुनिया में एआई का नैतिक, समावेशी और धारणीय रूप से प्रयोग किया जा सकेगा। समिट के दौरान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के कई बड़े उद्योगपतियों से मिलेंगे ताकि भारत और फ्रांस के बीच के संबंधों को नई ताकत मिल सके। भारत और फ्रांस के बीच संबंध सरकार के निरंतर प्रयासों और तकनीकी रूप से विकसित होते भारत के लिए अच्छे संकेत सांइट होते दिख रहे हैं।