पीबीकेएस की टीम (तब किंग्स इलेवन पंजाब) 2008 के पहले आईपीएल संस्करण में ही नॉकआउट दौर में पहुंची थी, जहां सेमीफाइनल में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के हाथों नौ विकेट की करारी हार झेलनी पड़ी। इसके बाद उन्हें नॉकआउट या प्ले ऑफ़ की दौड़ में पहुंचने के लिए छह साल लग गए, जब 2014 में अंक तालिका में शीर्ष पर रहते हुए वह फाइनल तक पहुंचे। हालांकि फाइनल में उन्हें इस बार कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने एक रोमांचक मुकाबले में तीन गेंद शेष रहते तीन विकेट से हराया।
इसके बाद उन्हें प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए 11 साल लग गए। इस साल भी उन्होंने 14 मैचों में नौ जीत और 19 अंकों के साथ अंक तालिका में टॉप किया, लेकिन पहले क्वालिफायर में उन्हें आरसीबी के हाथों 10 ओवर शेष रहते आठ विकेट की करारी हार मिली।
पीबीकेएस ने अब तक पांच प्ले ऑफ मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ एक में जीत मिली है। इसमें इस साल का पहला क्वालिफायर मुकाबला भी शामिल है। वहीं एमआई की बात की जाए तो संयुक्त रूप से सर्वाधिक पांच बार आईपीएल खिताब जीतने वाली एमआई ने प्ले ऑफ में 21 मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें 14 में जीत और सात में हार मिली है।
पीबीकेएस की हालिया फॉर्म की बात करें तो इस टीम ने 14 में से नौ मुकाबले जीतकर लीग मुकाबलों के बाद अंक तालिका में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया था। उन्होंने अपने लीग के पांच में से आखिरी चार मुकाबले जीते थे, जिसमें एमआई के खिलाफ भी सात विकेट की जीत शामिल है। लेकिन जिस तरह से आरसीबी के खिलाफ उनके बल्लेबाजों ने प्रदर्शन किया, इससे निश्चित रूप से उनके फॉर्म पर शक होगा।
वहीं एमआई को सीजन की शुरूआत में पहले पांच मैचों में चार में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी करते हुए लगातार छह मुकाबले जीते और प्ले ऑफ की दौड़ में शामिल हो गए। हालांकि आखिरी तीन लीग मुकाबलों में उन्हें दो में हार मिली है, लेकिन एलिमिनेटर में मिली जीत के बाद उनका आत्मविश्वास निश्चित रूप से सातवें आसमान पर होगा।
दोनों टीमों के बीच अब तक हुए 33 मुकाबलों में एमआई को 17 जबकि पीबीकेएस को 16 में जीत मिली है, मतलब मामला बहुत करीबी रहा है। इस सीजन दोनों टीमों के बीच हुए एकमात्र मुकाबले में पीबीकेएस ने एमआई को हराया है।
यह पहली बार होगा, जब दोनों टीमें प्ले ऑफ में एक-दूसरे के खिलाफ भिड़ेंगी। अगर दोनों टीमों के प्ले ऑफ़ रिकॉर्ड की बात की जाए तो एमआई ने प्ले ऑफ में 21 मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें 14 में जीत और सात में हार मिली है। वहीं पीबीकेएस सिर्फ पांच बार प्ले ऑफ में पहुंची हैं, जिसमें उन्हें चार में हार और सिर्फ एक में जीत मिली है। पीबीकेएस इस रिकॉर्ड को सुधारना चाहेगी।
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