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पूर्व नौ​ सैनिकों को मौत की सजा का मामला: ​कतर​ की निकली हेकड़ी !

भारत की ओर से अपने पूर्व नौसैनिकों को लेकर कूटनीति के बाद कतर की हेकड़ी निकलती दिखाई दे रही है|सरिया कानून से चलने वाला कतर अब कतरी कोर्ट में भारत की ओर से पूर्व नौ सैनिक मामले को लेकर अर्जी दाखिल की थी, जिसे कतर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है|

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कतर कोर्ट ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है|उन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है|भारत की ओर से अपने पूर्व नौसैनिकों को लेकर कूटनीति के बाद कतर की हेकड़ी निकलती दिखाई दे रही है|सरिया कानून से चलने वाला कतर अब कतरी कोर्ट में भारत की ओर से पूर्व नौ सैनिक मामले को लेकर अर्जी दाखिल की थी, जिसे कतर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है|

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन सभी पर कतर की एक खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने का आरोप है|उस मामले में कतर की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हमने आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को सुनाई गई सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की है|विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा कि हम कतर से इस बारे में बातचीत कर रहे हैं|

कौन है ये भारतीय पूर्व नौसेना? कतर में क्या कर रहे थे?: कैप्टन नवतेज सिंह गिल,कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा,कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश ये इन जवानों के नाम हैं।ये सभी भारतीय रक्षा सेवा कंपनी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे।कंपनी का स्वामित्व रॉयल ओमान वायु सेना के सेवानिवृत्त पायलट और ओमानी नागरिक खामिस अल आज़मी के पास है।इन आठ भारतीयों के साथ उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था|हालाँकि, उन्हें नवंबर 2022 को रिहा कर दिया गया।
गौरतलब है कि इस कंपनी की पुरानी वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी कतर नेवी (QENF) को प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स और रखरखाव सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई थी। हालाँकि, यह पुरानी वेबसाइट अब उपलब्ध नहीं है। नई वेबसाइट पर दी गई जानकारी में कंपनी का नाम दाहरा ग्लोबल बताया गया है। लेकिन अब कतर नेवी के साथ कंपनी के रिश्ते के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है|साथ ही सात भारतीय पूर्व नौसैनिकों के पदों के बारे में भी नई वेबसाइट पर कोई जिक्र नहीं है|

2022 में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, अमित नागपाल, संजीव गुप्ता, नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और रागेश गोपकुमार  इन आठ लोगों को कतर की खुफिया एजेंसी एसएसबी ने 30 अगस्त को हिरासत में लिया था। दोहा स्थित भारतीय दूतावास को सितंबर में उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गई थी। इन अधिकारियों के परिवारों ने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील की है|

यह भी पढ़ें-

कतर में मौत की सजा सुनाये जाने वाले आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को राहत

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