दोहा। कतर ने तालिबान को कड़ी नसीहत दी है। उसने तालिबान को फटकार लगते हुए कहा है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर तालिबान का रवैया निराशापूर्ण है। क़तर के विदेश मंत्री ने कहा कि यह कदम अफगानिस्तान को और पीछे ले जाएगा। मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल्ल रहमान अल थानी ने कहा कि अगर तालिबान सही मायने में अफगानिस्तान में इस्लामिक सिस्टम लाना चाहता है तो उसे क़तर से सीखना चाहिए। क़तर ने तालिबान के शासन और उसमें महिलाओं की हिस्सेदारी नहीं होने पर जमकर लताड़ लगाई है।
कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी अन्य मुद्दों के अलावा तालिबान द्वारा अफगान महिला माध्यमिक विद्यालय के लड़कियों को अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने की अनुमति देने से इनकार करने का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने दोहा में यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से अफगानिस्तान में हमने जो हाल की कार्रवाइयां देखी है वह काफी निराशाजनक है। शेख मोहम्मद ने आगे कहा कि हमें लगातार तालिबान के साथ बात करने की जरूरत है और उनसे आग्रह करने की जरूरत है कि वे विवादित एक्शन से दूरी बनाए रखें।
हम तालिबान को ये दिखाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि एक इस्लामिक देश होकर कैसे कानूनों को चलाया सकता है और कैसे महिलाओं के मुद्दों के साथ डील किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक उदाहरण कतर का है। ये एक मुस्लिम देश है। हमारा सिस्टम इस्लामिक सिस्टम है, लेकिन जब बात वर्क फोर्स या एजुकेशन की आती है तो कतर में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आपको ज्यादा मिलेंगी। बता दें कि अफगानिस्तान में पिछले कई महीनों से उथल-पुथल जारी है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां तालिबानी फरमान जारी है। एक ओर महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं।
दूसरी तरफ अब पुरुषों को भी पूरी तरफ दाढ़ी शेव कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। क़तर वह पहला देश है जिसने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अपना प्रतिनिधि भेजा था। कतर ने तालिबान की बहुत ही मदद की है।