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Saturday, July 27, 2024
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सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की चेतावनी के बाद रामदेव बाबा का बयान !

सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी को चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने भ्रामक और धोखाधड़ी वाले दावे बंद नहीं किए तो ऐसे प्रत्येक उत्पाद के लिए उन पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अब इस पर रामदेव बाबा ने प्रतिक्रिया दी है|

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने पतंजलि कंपनी को फटकार लगाई है| सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी को चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने भ्रामक और धोखाधड़ी वाले दावे बंद नहीं किए तो ऐसे प्रत्येक उत्पाद के लिए उन पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अब इस पर रामदेव बाबा ने प्रतिक्रिया दी है|
रामदेव बाबा ने कहा पैसा सच और झूठ का फैसला नहीं कर सकता। एलोपैथ के पास बहुत पैसा है| उनके पास और भी अस्पताल हैं| उनके पास अधिक डॉक्टर हैं|तो वे ज़ोर से हो सकते हैं,लेकिन हमारे पास ऋषि-मुनियों की विरासत है|हम गरीब नहीं हैं।

हमारे पास ज्ञान है, विज्ञान के प्रमाण हैं, लेकिन हम संख्या में कम हैं। भीड़ के आधार पर सत्य और असत्य का निर्णय नहीं किया जाता। हमारा संगठन अकेले ही पूरी दुनिया में मेडिकल माफिया, ड्रग माफिया से लड़ने के लिए तैयार है। लेकिन स्वामी रामदेव कभी नहीं डरे. और कभी नहीं हारा| हम अंतिम निर्णय तक यह लड़ाई लड़ेंगे”, उन्होंने यह भी कहा। जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई की|

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल के.के. ने पीठ को कुछ बीमारियों के लिए रामबाण होने का दावा करने वाले फर्जी विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए समाधान खोजने का निर्देश दिया। एम.नटराज को किया। पिछले साल ‘आईएमए’ की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लि. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया गया|

इतना ही नहीं मंगलवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पतंजलि से जुड़े लोगों को मीडिया में अशोभनीय बयान देने से भी रोक दिया था| हम इस बहस को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद में नहीं बदलना चाहते। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया, ”हम फर्जी विज्ञापनों की समस्या का जवाब ढूंढना चाहते हैं। लेकिन इसके बाद भी रामदेव बाबा ने एलोपैथिक इलाज पद्धतियों की आलोचना की है|

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