भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीति दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह तीसरा मौक़ा है जब मौद्रिक नीति समिति अपनी बैठक के बाद रेपो रेट 6.50 प्रतिशत ही रखने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने फरवरी 2023 में आखिरी बार बदलाव किया था। उस समय आरबीआई ने 0. 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। आरबीआई के इस निर्णय से होम लोन और कार लोन लेने वालों के ऊपर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ेगा।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह देखकर ख़ुशी हो रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही गति से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति महंगाई को चार फीसदी पर बनाये रखने के लिए काम कर रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस समय कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
आरबीआई ने अपने जीडीपी अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 -24 के जीडीपी अनुमान को 6.5 फीसदी ही रखा है। पहली तिमाही का अनुमान आठ फीसदी, जुलाई से सितंबर तिमाही में 6.5 फीसदी, अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में छह फीसदी और जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी का अनुमान 5.7 फीसदी रखा गया है। इसी तरह से अगले वित्त वर्ष की तिमाही में जीडीपी अनुमान 6.6 फीसदी रखा गया है।
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