22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है| इस मौके पर पूरे देश में उत्साह और खुशी का माहौल है| ऐसी घटना में कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए भी भरपूर प्रयास किये जा रहे हैं| साथ ही यह भी स्पष्ट है कि भारत के सभी धार्मिक नागरिकों के दिलों में खुशी का माहौल है क्योंकि रामलला आखिरकार इस राम मंदिर में विराजमान होंगे, जिसका पिछले कई दशकों से इंतजार किया जा रहा था।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने शनिवार को कहा, “अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्रतिष्ठा समारोह को लेकर मुस्लिम समुदाय में कोई नकारात्मक भावना नहीं है। मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुस्लिम समुदाय ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभिषेक समारोह और मंदिर को लेकर मुस्लिम समुदाय में कोई नकारात्मक भावना नहीं है| उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या से शुरुआत कर देश की एकता को दुनिया को दिखाया जाएगा|
भारतीयों को सवाल नहीं उठाना चाहिए: अतहर हुसैन ने कहा, हम दुनिया को अपनी एकता और सांप्रदायिक मेल-मिलाप के बारे में बताएंगे और इसकी शुरुआत अयोध्या से ही करेंगे|हमारा मानना है कि हमारा संविधान हमारे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।अयोध्या मामले के फैसले से पहले भी हमने कहा था कि कोर्ट का फैसला स्वीकार होगा| किसी भी भारतीय को अभिषेक समारोह कार्यक्रम की सफलता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए|
मोदी ने देशभर के नागरिकों से की अपील: इस बीच, राम मंदिर समारोह के लिए भारत के कई गणमान्य लोगों को निमंत्रण दिया गया है।साथ ही देश की प्रगति में योगदान देने वाले और देश को गौरवान्वित करने वाले सामान्य परिवारों के लोगों को भी निमंत्रण भेजा गया है।इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या समेत पूरे देश में दिवाली मनाई जाएगी|इस मौके पर देशभर के मंदिरों में सफाई अभियान भी चलाया गया है| इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से अपील की है कि वे अयोध्या में भीड़ लगाए बिना अपने घरों से ही भगवान राम के लिए दीपक जलाएं |
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