गणतंत्र दिवस: भारत ने रचा इतिहास

परेड में दिखी नारी शक्ति,पहली बार मार्च टुकड़ी में शामिल हुए अग्निवीर    

गणतंत्र दिवस: भारत ने रचा इतिहास

74 वें गणतंत्र दिवस पर भारत ने इतिहास रचा। यह पहला मौक़ा जब गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ होकर गुजरी। इस परेड की सलामी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ली। इस बार के गणतंत्र दिवस  के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतब अल सीसी समारोह के मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी गई। इसी के साथ परेड की शुरुआत हो गई। इस गणतंत्र दिवस पर पहली बार मार्च करने वाली टुकड़ी में तीन महिलाये और छह पुरुष अग्निवीर भी शामिल थे।

गौरतलब है कि पहले कर्तव्य पथ राजपथ के नाम से जाना जाता था। इस परेड में न्यू इंडिया को झलक देखने को मिली। इस दौरान भारतीय सैन्य शक्ति और नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला। राज्यों द्वारा प्रदर्शित की गई सांस्कृतिक झांकियां विविधतापूर्ण थी। बता दें कि कर्तव्य पथ पर कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फ़त्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में मिस्र के सशस्त्र बलों ने मार्च किया। इस दल में 144  सैनिक शामिल थे। 21 तोपों की सलामी पहली बार 105 मिमी की भारतीय फिल्ड गन से दी गई। इन फिल्ड गन ने 25 पाउंडर बन्दुक की जगह ली  जो भारत  के आत्म निर्भर भारत की झलक दिखाता है। भारत के अलग अलग राज्यों की झांकियां आकर्षण की केंद्र बिंदू रहीं।

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