रूस Attack: यूक्रेन में जिंदगी की जद्दोजहद,बंकरों को बनाया अस्पताल

यूक्रेन में युद्ध का असर अब बच्चों पर भी पड़ रहा है| उन्हें सुरक्षित व महफूज रखने के लिए मेट्रों स्टेशन, बंकर और सब-वे आदि जैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है| यूक्रेन कई बंकरों को अस्पताल में तब्दील किया गया है|

रूस Attack: यूक्रेन में जिंदगी की जद्दोजहद,बंकरों को बनाया अस्पताल

रूस- यूक्रेन का युद्ध लगातार जारी है| रूस के हमले से बचने के लिए यूक्रेन नागरिक सुरक्षित स्थानों की तलाश में है| वही यूक्रेन में युद्ध का असर अब बच्चों पर भी पड़ रहा है| उन्हें सुरक्षित व महफूज रखने के लिए मेट्रों स्टेशन, बंकर और सब-वे आदि जैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है| यूक्रेन कई बंकरों को अस्पताल में तब्दील किया गया है| यहां पर गर्भवती महिलाओं और उनकी प्रसूती के साथ ही बच्चों की देखभाल के लिए भेजा जा रहा है|

यूक्रेन में जंग का असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। उन्हें मेट्रो स्टेशन, बंकर और सब-वे जैसे सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। कई इलाकों में बंकरों को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यहां गर्भवती महिलाओं और जन्में बच्चों को देखभाल के लिए भेजा रहा है। यहां 12 से ज्यादा नवजात को रखा गया है। इनकी देखभाल के लिए डॉक्टर और नर्स तैनात हैं। बंकर में कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे मॉनिटरिंग की जा रही है।

बंकर के भीतर बने निकु वार्ड में बच्चों की देखभाल के लिए नर्स की तैनाती की गई है। वार्ड में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे सुरक्षा के दृष्टिकोण से मॉनिटरिंग की जा सके। इस अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ डेनिस सुर्खोव ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। सुर्खोव ने कहा कि यह अनुभव अकल्पनीय है।

कीव में रूसी सेना के हमले से बचने के लिए महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। सभी को सेना की निगरानी में एंटी ब​​म शेल्टर होम में भेजा गया है। वहीं पुरुषों को सेना के साथ युद्ध के मोर्चे पर डटे रहने के लिए कहा गया है। यूक्रेन सरकार ने 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक के लोगों को देश से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी है।

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