रूस और यूक्रेन के बीच आठ महीने से चल रहा युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है और तो और यह युद्ध दिनों-दिन भीषण रूप लेता जा रहा है। रूस यूक्रेन को टारगेट करते हुए उसके कई प्रमुख शहरों को तबाह करने पर तुला हुआ है जहां रोजाना कई मिसाइलें दागे जा रहे है, जिससे यूक्रेन का इलाका धुआं-धुआं हो गया हैं। रूस ने 10 अक्टूबर से देश भर में बिजली स्टेशनों, जल आपूर्ति प्रणालियों और अन्य प्रमुख जगहों पर हमलों को तेज कर दिया है। वहीं रूस के ताबड़तोड़ हमले के बाद से पश्चिमी और मध्य यूक्रेन के लाखों लोग बिना बिजली के रह रहे हैं। देशभर में हवाई हमले के सायरन बजने के कुछ घंटे बाद ही रूस की तरफ से महत्वपूर्ण संरचनाओं को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले शुरू किए गए। वहीं रूस ने हवा और समुद्र से दागी गई 33 क्रूज मिसाइलों में से 18 को मार गिराया है। रूस ने यूक्रेन के तकरीबन एक तिहाई बिजली स्टेशनों को नष्ट कर दिया है।
रूस के हमलों ने पश्चिमी यूक्रेन में ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया। राजधानी कीव सहित पूरे देश में 10 क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रतिबंध लगाए जा रहे थे। वहीं हमलों से हुआ नुकसान अभी और भी बढ़ सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने टेलीग्राम ऐप पर लिखा था कि आतंकवादियों का एक और रॉकेट हमला हुआ है। पश्चिमी शहर खमेलनित्सकी, जो बग नदी से घिरा हुआ है और युद्ध से पहले लगभग 275,000 लोगों का घर जोरदार विस्फोटों के तुरंत बाद, बिना बिजली की सुविधाओं के रह गया है। वहीं शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में नगर परिषद ने लोगों से पानी जमा करने का आग्रह किया और बताया कि यह एक घंटे के भीतर चला जाएगा।
हालांकि जवाब में यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने दक्षिणी खेरसोन क्षेत्र में एक प्रमुख नदी पर आपूर्ति मार्गों को निशाना बनाकर रूसी ठिकानों पर बमबारी की है। वहीं नीपर नदी नौका क्रॉसिंग पर यूक्रेन की ओर से हुई गोलाबारी में एक स्थानीय टीवी स्टेशन के लिए काम करने वाले दो पत्रकारों की मौत हो गई। इसके अलावा दो अन्य लोगों की मौत होने के साथ ही 10 लोगों के घायल होने की सूचना भी मिली है।
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