अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार (18 मार्च) को एक महत्वपूर्ण फोन वार्ता हुई, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की ओर कदम बढ़ाए गए। इस बातचीत के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह वार्ता ‘बहुत अच्छी और उत्पादक’ रही। दोनों नेताओं ने आंशिक युद्धविराम पर सहमति जताई है।
राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार बातचीत में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे को लेकर तुरंत प्रभाव से युद्धविराम लागू करने पर सहमति बनी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि वह राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता। इस वार्ता के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई और शांति समझौते के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर सहमति बनने के संकेत मिले।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आंशिक युद्धविराम को मंजूरी देते हुए कुछ शर्तें रखी हैं। इनमें यूक्रेन द्वारा युद्धविराम के दौरान सैनिकों की तैनाती या प्रशिक्षण न करने और किसी भी विदेशी सैन्य सहायता को न लेने की शर्तें शामिल हैं। रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन ने 30 दिनों के लिए यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने पर सहमति दी है। हालांकि, पूरी तरह से युद्ध समाप्त करने को लेकर अब भी कई पेचीदगियां बनी हुई हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस सीमित युद्धविराम पर आशंका जताई है और रूस की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे रूस की शर्तों को सावधानीपूर्वक परखें और यह सुनिश्चित करें कि युद्धविराम का इस्तेमाल किसी सैन्य रणनीति के तहत न किया जाए।
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व्हाइट हाउस ने भी इस वार्ता को सकारात्मक बताया है और कहा है कि यह शांति प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते के लिए यूक्रेन की सरकार की सहमति आवश्यक होगी।
राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच यह वार्ता लगभग तीन घंटे तक चली। बता दें की पिछले सप्ताह मॉस्को में ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ और पुतिन के बीच हुई बैठक हुई, जिससे शांति समझौते की ओर रूस ने कदम बढ़ाया है। इस बैठक के दौरान युद्धविराम और शांति वार्ता को लेकर कई पहलुओं पर चर्चा की गई थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह वार्ता रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कोई ठोस परिणाम लेकर आएगी या फिर यह सिर्फ एक और कूटनीतिक बातचीत बनकर रह जाएगी।
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