चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग कर भारत ने इतिहास रच दिया है। ऐसा करने वाला भारत एकलौता देश बन गया। बुधवार को शाम चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से दुनिया भर के लोगों ने इसरो को बधाई दी। ऐसे में यह जानने की जरुरत है कि वह कौन से इसरो के “महायोद्धा’ हैं जो इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाया। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए भारत वंशियों ने हवन यज्ञ तक किये। भारतवासियों की ये दुआएं काम की और चंद्रयान -3 चांद पर सफलतापूर्वक उतारकर भारतवासियों को गौरवान्वित किया।
एस सोमनाथ: इस मिशन में सबसे पहले जो नाम सामने आता है उसमें एस सोमनाथ का है। जो इसरो के चेयरमैन है। चंद्रयान-3 के चांद पर सफलतापूर्वक उतरने पर पीएम मोदी ने जमकर तारीफ़ भी की। पीएम मोदी ने कहा कि आप के नाम का ही अर्थ चन्द्रमा होता है। एस सोमनाथ का नाम चंद्रयान-3, गगनयान और सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को गति देने के लिए जाना जाता है।
वीरा मुथुवेल: इसके बाद नाम आता है चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी.वीरा मुथुवेल का नाम सामने आ रहा है। जो रेलवे कर्मचारी के बेटे हैं। जो चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट का समन्वय का काम देख रहे थे। उन्होंने 2019 में इस मिशन की जिम्मेदारी संभाली थी। वीरा मुथुवेल तमिलनाडु के रहने वाले हैं। मद्रास आईआईटी से पढ़ाई किये हैं।बताया जा रहा है कि वीरा मुथुवेल ने ही चंद्रयान-3 का डिजाइन किया था।
कल्पना-शंकरन: चंद्रयान-3 के कामयाबी में कल्पना के. का भी नाम शामिल है। वे इस प्रोजेक्ट की डिप्टी डायरेक्टर थीं। कल्पना ने चंद्रयान 2 और मंगलयान मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहीं है। वहीं,सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर एस. शंकरन चंद्रयान-3 के तापमान को संतुलित करने की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। शंकरन चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट में भी शामिल रहे।
मोहन कुमार,नायर,राजाराजन: चंद्रयान मिशन के डायरेक्टर एस मोहन कुमार विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के मुख्य वैज्ञानिक हैं।जो इस अभियान को सही मार्गदर्शन और समन्वय का जिम्मा संभाल रहे थे। इस मिशन का संचालन एस उन्नीकृष्णन नायर और उनके टीम के पास था। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर भी है। उनके नेतृत्व में ही जीएसएलवी-3 आदि को तैयार किया गया। इसके अलावा ए राजाराजन है जो लॉन्चिंग आर्थाइजेशन बोर्ड के मुखिया है। वहीं, 54 महिला वैज्ञानिकों ने भी इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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