नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखा फोड़े जाने पर रोक लगाने के बाद से बच्चे मायूस हैं। उनकी ख़ुशी के रंग में भंग हो गए हैं। इस बीच आध्यत्मिक सदगुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि वायु प्रदूषण की चिंता बच्चों को पटाखों की खुशी का अनुभव करने से रोकने का कारण नहीं है। उनके लिए आप बलिदान करें और 3 दिन अपने कार्यालय में पैदल जाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को पटाखा फोड़कर बच्चों को मज़ा लेने दें। अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी पटाखा बैन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा है कि जिन लोगों को पटाखों से परेशानी है वे तीन दिन अपने ऑफिस गाड़ी के बदले पैदल जाएं।
ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए सद्गुरु ने कहा कि मैंने काफी सालों से एक भी पटाखा नहीं जलाया है। लेकिन जब मैं एक बच्चा था, तो इसका कितना मतलब था। सितंबर के महीने से हम पटाखों का सपना देखते थे और दिवाली खत्म होने के बाद अगले एक-दो महीने हम पटाखों को बचा कर रखते थे और रोज फोड़ते थे। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता और उसके दुरुपयोग को रोकने के तंत्र को मजबूत करना होगा। शीर्ष न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के बीच वायु प्रदूषण को रोकने के लिए काली पूजा, दिवाली और साल के कुछ अन्य त्योहारों के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए यह कहा।
कंगना ने उठाये सवाल: कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम हैंडल पर सदगुरु जग्गी वासुदेव का वीडियो शेयर किया है। इसके साथ कंगना ने लिखा, ‘जिन लोगों को पर्यावरण की चिंता है वह तीन दिन तक गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं करें। कंगना ने लिखा, ‘सभी दिवाली पर्यावरण एक्टिविस्ट के लिए सबसे अच्छा जवाब तीन दिन तक ऑफिस जाने के लिए कार का इस्तेमाल न करें।’ वहीं, सदगुरु की तारीफ करते हुए लिखा- ‘इस आदमी ने लाखों पेड़ लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।’ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक जनवरी तक राजधानी दिल्ली में पटाखों की खरीद, बिक्री एवं उन्हें जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। हरियाणा सरकार ने अपने सभी जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगाई है। राज्य सरकार ने ‘ग्रीन पटाखे’ जलाने की अनुमति दी है। शादी समारोहों में ग्रीन पटाखों’ की छूट दी गई है।