संभलापुर मामला: चार दशक बाद खुले हनुमान और शिव मंदिर; “भय का माहौल खत्म, खुशी लौटी”: केशव प्रसाद मौर्य

1978 में कराए गए दंगों के बाद इस मंदिर में पूजा-अर्चना पूरी तरह बंद कराई गई। खग्गू सराय इलाके से लगभग 40 के हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन दंगों के बाद वे पलायन कर गए।

संभलापुर मामला: चार दशक बाद खुले हनुमान और शिव मंदिर; “भय का माहौल खत्म, खुशी लौटी”: केशव प्रसाद मौर्य

Sambalpur case: Hanuman and Shiv temples opened after four decades; "Atmosphere of fear is over, happiness has returned": Keshav Prasad Maurya

प्राचीन संभालापूर में हरिहर मंदिर पर बनी जामा मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद ने नया मोड़ लिया है। सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के इलाके खग्गू सराय में चार दशकों से छुपाए मंदिर (कमसे कम 200 वर्ष पुराना) की खोज हुई है। इस मंदिर में शिवलिंग के साथ ही हनुमान की मूर्ती मिली है। पुलिस प्रशासन संभल में बिजली चोरी की जांच करने पहुंची थी, इसी बीच उन्हें 46 सालों से बंद रखा मंदिर मिला था, जिसे प्रशासन द्वारा खोलकर साफ़ किया गया। इसी बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है की अब भय का माहौल ख़त्म हुआ  है।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, “हनुमान मंदिर और शिव मंदिर को 4 दशकों से अधिक समय तक बंद रखा गया था। भय का माहौल बनाया गया था और हिंदुओं को वहां से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था। मंदिर के दोबारा खुलने के बाद लोगों में खुशी और विश्वास है। अगर किसी धार्मिक स्थल और सार्वजनिक स्थान पर इस तरह अतिक्रमण किया गया है या बंद कर दिया गया है और लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिरों के खुलने से उन्हें अपने धार्मिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति का एहसास हुआ है। बता दें की स्थानीय हिंदू समाज ने मंदीर के बारे पूछने पर कहा थी की उन्हें मंदिर में पूजा, आरती, भजन के कारण जान का भय था, जिसे अब दूर किया गया है।

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स्थानीय हिंदुओं ने बताया की, 1978 में कराए गए दंगों के बाद इस मंदिर में पूजा-अर्चना पूरी तरह बंद कराई गई। खग्गू सराय इलाके से लगभग 40 के हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन दंगों के बाद वे पलायन कर गए। 82 वर्ष के विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित किया गया था।

रविवार सुबह होते ही संभल के प्राचीन मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लग गया है। भगवान शिव का जलाभिषेक कर भक्तों ने मंत्रोच्चार और आरती की। हनुमान चालीसा के पाठ के साथ महादेव और हनुमान जी के जयकारे गूंजने लगे। चार दशकों से बंद पड़े इस मंदिर के खुलने पर इलाके के लोगों ने प्रशासन की सराहना की।

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